मई में भारत का खाद्यतेल आयात वर्ष 2011 के बाद निम्नतम स्तर पर: एसईए

Thursday, Jun 04, 2020 - 08:44 PM (IST)

नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) भारत का खाद्य तेल आयात मई में 40 प्रतिशत घटकर 7.07 लाख टन रह गया, जो 2011 के बाद सबसे निचला स्तर है। गिरावट की प्रमुख वजह लॉकडाउन की वजह से होटल और रेस्तरां जैसे थोक उपयोगकर्ताओं की मांग सुस्त होना रही।

तेल व्यापारियों के प्रमुख संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
भारत दुनिया में वनस्पति तेलों का प्रमुख खरीदार देश है। मई 2019 में देश ने 11.80 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया था।
कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च से देशभर लॉकडाउन किए जाने के बाद से खाद्य तेल का आयात घट रहा है। जून महीने के अंत तक सशर्त राहतों के साथ देशव्यापी लॉकडाउन जारी रहेगा।

मुंबई स्थित एसईए ने एक बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2011 के बाद से मई में यह सबसे कम आयात को दर्शाता है। अप्रैल और मई में आयात में आई कमी का मुख्य कारण लॉकडाऊन की अवधि में होटलों, रेस्तरां और कैंटीन तथा सार्वजनिक समारोहों का नहीं होना या चल पाना था।
कुल आयात में से 60 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा रखने वाले, पाम तेल का आयात इस साल मई में 52.69 प्रतिशत घटकर 3.87 लाख टन रह गया, जो कि साल भर पहले समान महीने में 8.18 लाख टन था।
पाम तेल में, आरबीडी पामोलिन का आयात इस साल मई में घटकर 16,250 टन रह गया, जो पिछले साल मई में 3.71 लाख टन था।
एसईए ने कहा कि चालू वर्ष में आठ जनवरी से आरबीडी पामोलिन को प्रतिबंधित व्यापार श्रेणी में डाले जाने के बाद से इस तेल का आयात घटता जा रहा है।
कच्चे पाम तेल और कच्चे पाम गिरी तेल का आयात इस साल मई में 17 प्रतिशत घटकर 3.70 लाख टन रह गया, जो पहले 4.47 लाख टन था।
एसईए ने कहा, "पाम उत्पादों के आयात में गिरावट से सीधे तौर पर सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे हल्के तेलों का आयात बढ़ा है। यह बात इस तेल की चालू तेल वर्ष के नवंबर-मई अवधि के दौरान क्रमशः सात प्रतिशत और 11 प्रतिशत की वृद्धि से स्पष्ट है। इस बात का श्रेय उपभोक्ताओं की घरेलू मांग बढ़ने को जाता है।
चालू वर्ष के मई महीने में सूरजमुखी तेल का आयात दो प्रतिशत बढ़कर 1.33 लाख टन हो गया जो मई 2019 में 1.30 लाख टन था। हालांकि उक्त अवधि में सोयाबीन तेल का आयात नौ प्रतिशत घटकर 1.87 लाख टन रह गया जो पहले 2.32 लाख टन था।
तेल वर्ष 2019-20 की नवंबर-मई की अवधि के दौरान कुल खाद्य तेल आयात भी 18 प्रतिशत घटकर 68.89 लाख टन रह गया, जो पहले 83.84 लाख टन था। ऐसा मुख्य रूप से आरबीएम पामोलिन के आयात में 76 प्रतिशत की गिरावट के कारण हुआ।
तेल वर्ष नवंबर से अगले अक्टूबर महीने तक का होता है।
भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है। जबकि अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित कच्चे तेल की थोड़ी मात्रा का आयात करता है। वहीं सूरजमुखी तेल का आयात यूक्रेन और रूस से किया जाता है।



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PTI News Agency

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