सॉफ्टवेयर पायरेसी: 30 लाख रुपये का मुआवजे का दिल्ली की फर्म को आदेश

Wednesday, May 27, 2020 - 09:58 PM (IST)

नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सॉफ्टवेयर पायरेसी मामले में माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन, एडोबी सिस्टम्स और क्वेस्ट सॉफ्टवेयर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दिल्ली की एक कंपनी को उन्हें कुल 30 लाख रुपये मुआवजा देने के लिए कहा। साथ ही दिल्ली की पर इन कंपनियों के नाम के नकली (पायरेसी) और गैर-लाइसेंसी सॉफ्टवेयर के वितरण पर रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव ने नेहरू प्लेस की कंपनी के पास अपने बचाव में कुछ कहने को नहीं है और उसने कानून का बड़ा उल्लंघन किया है। अदालत ने इसको देखते हुए कंपनी पर 30 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश सुनाया। मुआजे की यह राशि शिकायत करने वाली तीनों कंपनियों में बंटेगी।

इस संबंध में माइक्रोसॉफ्ट, एडोबी और क्वेस्ट ने अदालत में दिल्ली की ‘चेतु’ नाम की फर्म के खिलाफ वाद दायर किया था। इन तीनों कंपनियों ने चेतु पर उनके गैर-लाइसेंसी और नकली सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर इसे अपने ग्राहकों और संबंधित पक्षों के बीच वितरित करने का आरोप लगाया था।

इस मामले में जांच के दौरान पाया गया कि चेतु के करीब 300 कंप्यूटरों में माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस सॉफ्टवेयर से काम हो रहा था। जबकि इनमें से किसी में भी ओपन ऑफिस को इंस्टाल नहीं किया गया था। साथ ही कंपनी के 40 से 50 कर्मचारी अडोबी इलस्ट्रेटर, एडोबी फ्लैश, एडोबी फोटोशॉप, एडोबी सीएस3 और एडोबी रीडर पर काम कर रहे थे।



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PTI News Agency

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