कोविड-19 संकट: भारतीय मजदूर संघ ने श्रम संबंधित मसलों के समाधान के लिये कार्य योजना पेश की

Tuesday, May 26, 2020 - 09:26 PM (IST)

नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) आरएसएस से संबद्ध श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने मंगलवार को कोरोना वायरस महामारी और उससे निपटने के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण कामगारों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों के समाधान को लेकर कार्य योजना पेश की।
बीएमएस ने एक बयान में कहा कि ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सी के साजी नारायणन और महासचिव ब्रजेश उपाध्याय की कई दौर की बैठकों के बाद पांच प्रमुख श्रम संबंधी मसलों के समाधान के लिये कार्य योजना तैयार की गयी है।

‘लॉकडाउन’ के कारण प्रवासी मजदूरों की बदतर हालत, बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म होना, श्रम कानूनों को एकतरफा समाप्त करना और कामकाजी घंटे को बढ़ाकर 12 घंटे किया जाना तथा बेलगाम निजीकरण के पांच बड़े मसले सामने आये हैं।

संगठन के चरणबद्ध कार्य योजना में इन मसलों के समाधान पर ध्यान दिया गया है।

बीएमएस ने ठेक कर्मचारियों खासकर बड़े औद्योगिक क्षेत्रों, सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी क्षेत्र में काम करने वालों की मदद के लिये देश भर में ‘हेल्प डेस्क’ शुरू करने का प्रस्ताव किया है। साथ ही कृषि श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों, अपना काम करने वाले लोगों आदि की मदद के लिये भी ‘हेल्प डेस्क’ शुरू किया जाएगा।

सरकार ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये 25 मार्च से देशव्यापी बंद की घोषणा की। इस बंद के कारण लाखों प्रवासी मजदूर प्रभावित हुए और उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हुआ।

इस बीच, भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और गुजरात के अलावा एक दर्जन से अधिक राज्यों ने मौजूदा श्रम कानूनों में या तो संशोधन किये अथवा उसमें बदलाव का प्रस्ताव किये। इसमें अन्य बातों के अलावा कामकाजी घंटा 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया। कोरोना संकट से प्रभावित कंपनियों की मदद के लिये ये कदम उठाये गये।

बीएमएस रक्षा उत्पादन इकाइयों, रणनीतक क्षेत्रों में काम कर रहे सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और लाखों प्रवासी मजदूरों को आजीविका उपलब्ध कराने को लेकर 13 और 14 जून को उद्योगवार सेमिनार आयोजित करेगा।

बयान के अनुसार इसके अलावा श्रमिक संगठन के कार्यकर्ता 15 से 30 जून को लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों से श्रम क्षेत्र से संबंधित पांच प्रमुख समस्याओं पर संपर्क करेंगे। इस पहल का मकसद सरकार पर नीतियों में बदलाव को लेकर दबाव बनाना है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising