सीबीडीटी ने विदेशी कंपनियों के लिये 2019-20 की ‘सेफ हार्बर दरें’ अधिसूचित की

Thursday, May 21, 2020 - 08:15 PM (IST)

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) भारत में विदेशी कंपनियों द्वारा ‘ट्रांसफर प्राइसिंग’ की गणना के लिये आयकर विभाग ने 2019-20 वित्त वर्ष के लिये उनके वास्ते ‘सुरक्षित दरें’ अधिसूचित कर दी हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संबंध में ‘सेफ हार्बर नियमों’ से संबंधित आयकर नियम 10टीडी और 10टीई में बदलावों को अधिसूचित किया है। इसमें कहा गया है कि आकलन वर्ष 2017-18 से 2019-20 के बीच जो दरें लागू थीं, वही दरें 2020-21 के लिये भी लागू होंगी।

हस्तांतरण मूल्य से तात्पर्य उन कीमतों से है जिन पर एक कंपनी की विभिन्न विदेशी इकाइयां आपस में एक दूसरे के साथ लेनदेन करती हैं। आम तौर पर, सेफ हार्बर को उन परिस्थितियों के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें कर प्राधिकार को करदाता द्वारा घोषित हस्तांतरण मूल्य को स्वीकार करना होता है।

उत्कृष्ट अंतरराष्ट्रीय कराधान मानकों के आधार पर भारत सरकार ने वित्त अधिनियम 2009 में ‘सेफ हार्बर नियमों’ की अवधारणा पेश की। इसके बाद, सेफ हार्बर प्रावधानों के पहले दौर को अगस्त 2013 में तीन वर्षों की अवधि के लिए पेश किया गया था, फिर 2017 में इसमें बदलाव किये गये और संशोधित प्रावधान वित्त वर्ष 2019-20 तक लागू हुए।

विभिन्न श्रेणी के अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित की गई थीं। इनमें से, सॉफ्टवेयर विकास की श्रेणी, आईटीईएस और केपीओ लोकप्रिय हैं।

कर विशेषज्ञ कहते आये हैं कि ये दरें एक साल से अधिक की अवधि के लिये लागू हैं। हालांकि, सरकार ने इस बार कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न संकट को देखते हुए इसे एक ही वर्ष के लिये अधिसूचित किया है।



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PTI News Agency

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