बलात्कार मामले में दोषसिद्धि बरकरार रखने के फैसले के खिलाफ अपील पर न्यायालय सुनवाई के लिये तैयार

Thursday, May 21, 2020 - 08:00 PM (IST)

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय बलात्कार के मामले में एक अभियुक्त की दोषसिद्धि बरकरार रखने के झारखंड उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई के लिये बृहस्पतिवार को सहमत हो गया। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में टिप्पणी की थी कि पीड़िता का बयान ही अभियोजन का मामला साबित करने के लिये पर्याप्त है।

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई के बाद झारखंड पुलिस को नोटिस जारी किया।
इस मामले में दोषी को सात साल कैद की सजा सुनाई गयी थी जिसे उच्च न्यायालय ने बकरार रखा है। दोषी गोड्डा जिले की जेल में दिसबर, 2003 से बंद है।

दोषी ने अपनी अपील में कहा है कि उच्च न्यायालय को इस तथ्य पर भी विचार करना चाहिए था कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट बलात्कार की घटना का समर्थन नहीं करती है।

अपील में दोषी ने कहा है कि उच्च न्यायालय जांच अधिकारी और पीड़िता के बयानों में विसंगति के पहलू पर विचार करने में विफल रहा। अपील के अनुसार जांच अधिकारी ने अपने साक्ष्य में कहा है कि पीड़िता को उसी दिन मेडिकल जांच के लिये भेजा गया जबकि उसका कहना था कि इस घटना के अगले दिन उसे मेडिकल परीक्षण के लिये ले जाया गया।

दोषी ने अपनी अपील में दावा किया है कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है क्योंकि उसकी पीड़िता के पति के साथ अदावत थी।

अभियोजन के अनुसार दोषी को जब यह पता चला कि पीड़िता का पति घर पर नहीं है तो वह उसके यहां आया और उसके साथ बलात्कार किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने छह गवाहों से पूछताछ की, जिनमें से दो मुकर गये थे।

उच्च न्यायालय ने दोषी की अपील खारिज करते हुये अपने फैसले में कहा था कि अभियोजन का मामला साबित करने के लिये पीड़िता का बयान पर्याप्त है।



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PTI News Agency

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