स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़े खर्च, नई घोषणाओं पर तत्काल हो अमल: फिक्की समिति

punjabkesari.in Thursday, May 21, 2020 - 05:28 PM (IST)

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) प्रमुख उद्योग संघ फिक्की ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में बुनियादी सुधार के कदमों को लेकर वित्त मंत्री की घोषणाओं का स्वागत करते हुये बृहस्पतिवार को कहा है कि स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के कम से कम ढाई प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाना चाहिये।
फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष डा. आलोक राय ने कहा कि सरकार की घोषणायें ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने की दिशा में सराहनीय कदम हैं पर महत्वपूर्ण यह है कि इन्हें तत्काल प्रभाव से लागू किया जाये ताकि अगले 3-5 वर्षों में इनका लाभ दिखने लगे। स्वास्थ्य सेवा पर सरकारी खर्च में जीडीपी का कम से कम 2.5 प्रतिशत बढ़ोतरी हो जैसा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में कहा गया है।

फिक्की स्वास्थ्य सेवा समिति ने कहा है कि कृषि क्षेत्र के प्रति उसकी पूरी सहानुभूति है लेकिन वर्तमान संकट के केंद्र में रहे ‘स्वास्थ्य क्षेत्र’ की अनदेखी नहीं होनी चाहिये। फिक्की स्वाथ्य सेवा समिति ने सरकार से मांग की है कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को लघु अवधि के लिए बिना ब्याज अथवा रियायती ब्याज दर पर नकदी उपलब्ध कराई जानी चाहिये ताकि उसका परिचालन घाटा कम हो। इसके लिये कम से 24,000 करोड़ रुपये तक का प्रावधान किया जाना चाहिये।
डा आलोक राय, मेडिका ग्रुप आफ हास्पिटल्स के भी चेयरमैन है। उन्होंने ने कहा है कि कोविड के मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक दवाओं, उपभोग सामग्रियों और उपकरणों पर सीमा शुल्क/ जीएसटी से छूट दी जानी चाहिये और सभी अनिवार्य चिकित्सा उपकरणों पर स्वास्थ्य-उपकर माफ किया जाना चाहिये।
समिति ने कहा है कि अस्पतालों पर लागू बिजली खपत की वर्तमान वाणिज्यिक दरों में कम से कम 50 प्रतिशत की छूट मिलनी चाहिये ताकि स्वास्थ्य सेवायें बेहतर बनी रहे।




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PTI News Agency

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