देश में जनवरी-मार्च के दौरान 1,043 मेगावाट सौर, पवन ऊर्जा क्षमता का इजाफा

Tuesday, May 19, 2020 - 07:09 PM (IST)

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) देश में इस साल जनवरी-मार्च में ग्रिड से जुड़ी करीब 715 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता सृजित हुई है। यह पिछले साल की इसी तिमाही के 2,163 मेगावाट के मुकाबले 67 प्रतिशत कम है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

स्वच्छ ऊर्जा के बारे में परामर्श देने वाली ब्रिज टू इंडिया के अनुसार देश में इसी तिमाही में 328 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ी गयी जो पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही के 944 मेगावाट के मुकाबले 65 प्रतिशत कम है।

कंपनी ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘भारत ने मार्च 2020 को समाप्त तिमाही में ग्रिड से जुड़ी 715 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता और 328 मेगावाट पवन ऊर्जा क्षमता सृजित की है...।’’
रिपोर्ट के अनुसार दूसरी और तीसरी तिमाही में प्रगति पर कोरोना वायरस संकट का असर होगा।

हालांकि परियोजना निर्माण गतिविधियों को 20 अप्रैल से शुरू करने की अनुमति दे दी गयी, पर चीजों को पटरी पर लाने और फंसे माल के समाधान में 2-3 महीने का समय लग सकता है।

ब्रिज टू इंडिया ने यह भी कहा कि मांग में नरमी और वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण संभव है कि वितरण कंपनियां दीर्घकालीन पीपीए (बिजली खरीद समझौता) करने और खरीद को को तैयार नहीं हो। सरकार को भी हाल में संपन्न नीलामी के लिये खरीदार तलाशने को लेकर संघर्ष करना पड़ सकता है।
कुल 37,000 मेगावाट की सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं नीलामी के लिये प्रस्तावित हैं। इसके अलावा 3,000 मेगावाट क्षमता की दूसरी परियोजनाएं हैं जो विनिर्माण से संबद्ध निविदा से जुड़ी हैं। शेष 34,000 मेगावाट को अगले दो साल में पूरा किया जाना है।

रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न परिचालनगत और वित्तीय चुनातियों को देखते हुए इस अवधि में केवल 24,000 मेगावाट क्षमता वृद्धि की संभावना है। नरमी के पीछे कई कारण हैं जिसमें बिजली मांग परिदृश्य कमजोर होना, बिजली खरीद को लेकर चिंता, जमीन और पारेषण सुविधा, कर्ज और रुपये की विनिमय दर में गिरावट शामिल हैं। इन चुनौतियों को देखते हुए संशोधित रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है।



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PTI News Agency

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