एमएसएमई के लिये 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज पर एनसीजीटीसी दे सकती है गारंटी

punjabkesari.in Monday, May 18, 2020 - 09:16 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) सरकारी क्षेत्र की ‘नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी)’ तीन लाख करोड़ रुपये की रिण योजना के लिये रिण गारंटी उपलब्ध करा सकती है। इस रिण योजना की घोषणा प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के विशेष आर्थिक पैकेज के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिये की गई है।
छोटे उद्योगों के लिये तीन लाख करोड़ रुपये के गारंटी मुक्त रिण की योजना फरवरी के बाद समय समय पर घोषित वृहद आर्थिक पैकेज का सबसे बड़ा हिस्सा है। फरवरी के बाद से बाजार में तरलता बढ़ाने के लिये आठ लाख करोड़ रुपये के उपाय किये गये हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई- भाषा से कहा कि एनसीजीटीसी संभवत: 45 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को दिये जाने वाले कर्ज पर 100 प्रतिशत गारंटी दे सकती है।
मुंबई स्थित इस कंपनी का गठन भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 के तहत 28 मार्च 2014 को 10 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी के साथ किया गया। कंपनी वर्तमान में सरकार की स्टैण्डअप इंडिया सहित छह योजनाओं को रिण गारंटी उपलब्ध करा रही है।
अधिकारी ने कहा कि इस योजना के तहत बैंक 9.25 प्रतिशत की आकर्षक ब्याज दर पर रिण की पेशकश करेंगे। वर्तमान में बैंकों से एमएसएमई को जो कर्ज दिया जाता है वह संबंधित इकाई के साथ रिण जोखिम को देखते हुये 9.5 प्रतिशत से लेकर 17 प्रतिशत के दायरे में है। वहीं अधिकारी ने कहा कि गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा दिये जाने वाले कर्ज पर अधिकतम ब्याज दर 14 प्रतिशत होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस योजना को इस सप्ताह के आखिर तक जारी किया जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की पहली किस्त की घोषणा करते हुये 13 मई को एमएसएमई को उनकी 29 फरवरी 2020 के दिन बकाया कर्ज के 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने की घोषणा की है। उन्होंने कहा था कि यह रिण गारंटी मुक्त होगा और इसे रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जायेगा। यह रिण सुविधा 25 करोड़ रुपये से लेकर 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयों को उपलब्ध होगी। यह अतिरिक्त कर्ज चार साल के लिये दिया जायेगा जिसमें पहले एक साल इकाइयों को किस्त, ब्याज नहीं देनी होगी।



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PTI News Agency

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