औद्योगिक बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाये जाने से निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी: विशेषज्ञ

punjabkesari.in Monday, May 18, 2020 - 07:14 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) सरकार की औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और औद्योगिक पार्क की रैंकिंग के बारे में सूचना देने की घोषणा से देश को घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों ने यह बात कही।

पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों में औद्योगिक संकुलों की बुनियादी सुविधाऔं और संपर्क बेहतर करने के लिये योजना क्रियान्वित किये जाने की घोषणा की।
उन्होंने यह भी कहा कि नये निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये भूमि बैंक से जुड़ी सूचना औद्योगिक सूचना प्रणाली पर ‘जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) मैपिंग’ के साथ उपलब्ध होगी।
जीएमआर ग्रुप के चेयरमैन जी एम राव ने एक बयान में कहा, ‘‘दुनिया की कई कंपनियां भारत में अपना विनिर्माण केंद्र स्थापित करने को लेकर रूचि दिखा रही हैं। सरकार की औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) वैश्विक निवेशकों के लिये भारत में अपना विनिर्माण केंद्र स्थापित करने को लेकर चीजें आसान करेंगी। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होगा।’’
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री की औद्योगिकी बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने, जरूरी सूचना उपलब्ध कराने को लेकर एक व्यवस्था बनाने तथा औद्योगिक पार्कों की रैंकिंग एक स्वागत योग्य पहल है।

राव ने कहा कि भारत पिछले पांच साल में कारोबार सुगमता सूचकांक में सुधार कर रहा है और इसके साथ मेक इन इंडिया अभियान से देश एक आकर्षक निवेश गंतव्य बन रहा है।

उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई ने कहा कि 2020-21 में औद्योगिक संकुलों को उन्नत बनाने और औद्योगिकी पार्कों के साथ राज्यों में निवेश आकर्षण को लेकर रैंकिंग जारी होने से औद्योगिक क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा। इससे बुनियादी ढांचा और संपर्क सुविधा बेहतर होगी।
इसी प्रकार की राय जाहिर करते हुए पीडब्ल्यूसी के भागीदार-आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचा-मोहम्मद अथर ने कहा कि बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और घरेलू निवेश आकर्षित करने में औद्योगिक बुनिादी ढांचे की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाये जाने, पार्कों पर सूचना उपलब्ध होने तथा जीआईएस पर उनकी ‘मैपिंग’ से निवेशकों को जगह चिन्हित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा औद्योगिक पार्कों की रैंकिंग से राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और इससे औद्योगिक माहौल को लेकर एक मानकीकृत रुख का रास्ता साफ होगा।



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PTI News Agency

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