निदेशकों को मिलने वाले पारितोषिक पर जीएसटी बनता है: एएआर

Tuesday, Apr 07, 2020 - 07:11 PM (IST)

नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) अग्रिम आदेश प्राधिकरण (एएआर) ने व्यवस्था दी है कि कंपनियों को निदेशकों को देने वाले पारितोषिक पर माल एवं सेवा कर देना होगा।
एएआर की राजस्थान पीठ के समक्ष दायर आवेदन में क्ले क्राफ्ट इंडिया प्राइवेट लि. ने इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या निदेशकों को दिये जाने वाले वेतन पर जीएसटी देना होगा।

कंपनी ने कहा कि उसके निदेशक कर्मचारियों की तरह काम करते हैं और इसके लिये उन्हें नियमित वेतन के रूप में पारितोषिक और अन्य भत्ते दिये जाते हैं। आवेदन में कहा गया है, ‘‘वह निदेशकों के वेतन भत्ते को लेकर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) करता है। इसके अलावा भविष्य निधि कानून भी लागू है। इसीलिए व्यवहारिक रूप से ये निदेशक कंपनी के कर्मचारी हैं....।’’
अपने आदेश में एएआर ने कहा, ‘‘रिवर्स चार्ज व्यवस्था के तहत निदेशकों को दिये जाने वाले पारितोषिक पर जीएसटी लगेगा।’’
जीएसटी के तहत ‘रिवर्स चार्ज’ एक व्यवस्था है जिसमें वस्तुओं या सेवाएं प्राप्त करने वाले को जीएसटी देना होता है न कि आपूर्तिकर्ताओं को।

प्राधिकरण ने मामले का विश्लेषण करते हुए कहा कि निदेशक सेवाओं के आपूर्तिकर्ता हैं और आवेदनकर्ता सेवा प्राप्त करने वाला।

एएआर ने कहा कि केंद्रीय कर (दर) अधिसूचना में साफ कहा गया है कि निदेशक द्वारा दी जानेवाली सेवा को आपूर्ति माना जाएगा और इसीलिए निदेशकों को कर्मचारी नहीं कहा जा सकता।’’
प्राधिकरण ने कहा, ‘‘अत: यह साफ है कि निदेशक द्वारा दी जाने वाली सेवाएं और उसके बदले मिलने वाला पारितोषिक पर रिवर्स चार्ज व्यवस्था के तहत जीएसटी देनदारी बनती है।’’
इस बारे में एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा, ‘‘इस व्यवस्था को सरकार द्वारा स्पष्ट करने की जरूरत है। अन्यथा निचले स्तर पर इसका गलत मतलब निकाला जा सकता है और इसे कारोबारी समुदाय में घबराहट हो सकती है।’’


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PTI News Agency

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