कोराना वायरस: बंदरगाहों पर अटके पड़े हानिकारक आयातित वेंटिलेटर

Monday, Apr 06, 2020 - 04:55 PM (IST)

नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) चेन्नई बंदरगाह पर विदेश से मंगाए गए 200 वेंटिलेटर की एक खेप के 2018 से अटके होने का मामला सामने आया है जबकि दुनिया में कोरोना वयरस महामारी के इस दौर में यह चिकित्सा उपकरण दुर्लभ वस्तु सा बन गया है और इसका विनिर्माण तेज करने की कवायदें चल रही हैं।

चेन्नई बंदरगाह पर पड़ी खेप के साथ समस्या यह आ रही थी कि ये वेंटिलेटर सेकेंड-हैंड यानी इस्तेमाल किए हुए हैं। भारत में ऐसी मशीन ‘हानिकारक श्रेणी’ के सामान में गिनी जाती हैं। इनका दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

पर्यावरण और वन मंत्रालय के कचरा प्रबंधन नियमों के तहत ऐसे इस्तेमाल किए जा चुके वेंटिलेटर और उपकरणों का आयात प्रतिबंधित है।

सूत्रों के मुताबिक चेन्नई की स्काईलार्क ऑफिस मशीन ने नवंबर 2018 में अमेरिका की एक फर्म इनका आयात किया था।

सीमाशुल्क अधिकारियों ने इन्हें जब्त कर कंपनी पर जुर्माना लगा दिया। इसके बाद कंपनी ने सीमाशुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवाकर अपीलीय न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया। न्यायाधिकरण सीमाशुल्क विभाग के आदेश को रद्द कर कंपनी को इन्हें वापस अमेरिका निर्यात करने का आदेश दिया।

लेकिन कंपनी इन्हें वापस अमेरिका निर्यात नहीं कर सकती है क्योंकि कोरोना वायरस संकट को देखते हुए सरकार ने सभी तरह के वेंटिलेटर के निर्यात पर रोक लगा दी है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण व्यक्ति के श्वसन तंत्र पर हमला करता है। ऐसे में सांस लेने में आसानी के लिए उसे वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद वेंटिलेटर की कमी महसूस की जा रही है।

कंपनी ने तमिलनाडु सरकार के उपक्रम ‘तमिलनाडु मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरेशन’ को पत्र लिखकर कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज में विशेष परिस्थितियों में इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी है। कंपनी ने कहा कि वह इनका पहले ही आयात कर चुकी है और इन्हें विशेष श्रेणी के तहत नियमों से छूट दर जा सकती है।
तमिलनाडु मेडिकल सर्विसेस ने 31 मार्च को इस संबंध में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के चेन्नई कार्यालय से संपर्क कर इनके आयात को मंजूर करने के लिए कहा है।

डीजीएफटी के दिल्ली स्थित मुख्यालय ने पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद चार अप्रैल को इसके इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। निदेशालय ने इसके साथ ही तमिलनाडु के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव को इन मशीनों के गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर कस कर इलाज के लिए अस्पतालों में इनके उपयोग की संस्तुति देने को कहा है।



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PTI News Agency

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