सिर्फ पांच प्रतिशत ट्रक ही सड़कों पर, ढुलाई हो रही प्रभावित: एआईएमटीसी
Wednesday, Apr 01, 2020 - 03:07 PM (IST)
नयी दिल्ली, एक अप्रैल (भाषा) ड्राइवरों और श्रमिकों की वजह से देशभर में माल ढुलाई का एक प्रमुख परिवहन साधन यानी ट्रक सड़कों से लगभग गायब हैं। कोरोना वायरस की वजह से देश में इस समय लॉकडाउन लागू है, जिसकी वजह से ट्रक आपरेटरों को चालकों और माल चढ़ाने उतारने के लिए श्रमिकों की कमी से जूझना पड़ रहा है।
आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने बुधवार को कहा कि देशभर में कुल ट्रकों की संख्या 90 लाख है। इनमें से सिर्फ पांच प्रतिशत ट्रक सड़कों पर हैं। इससे माल की ढुलाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।
एआईएमटीसी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने रविवार को अधिसूचना जारी कर बंद के दौरान गैर जरूरी वस्तुओं की आवाजाही की अनुमति दे दी है लेकिन इसके बावजूद स्थिति नहीं सुधरी है। इसकी वजह से बहुत से ट्रक चालक अपने घरों को वापस लौट गए हैं या फिर ऐसे स्थानों पर रुके हैं जहां उन्हें खाने और ठहरने की सुविधा मिल रही है।
एआईएमटीसी की कोर समिति के चेयरमैन एवं पूर्व अध्यक्ष बाल मलकित सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘देशभर में 90 लाख वाणिज्यिक वाहन हैं। 3,500 राज्य, जिला, तालुका स्तर के निकाय एआईएमटीसी से संबद्ध हैं। सिर्फ पांच प्रतिशत वाणिज्यिक वाहन ही परिचालन कर रहे हैं। इनके जरिये मुख्य रूप से एलपीजी और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति हो रही है। इसके अलावा छोटी दूरी के लिए दूध के टैंकर भी चल रहे हैं।
सिंह ने बताया कि अभी बाजार में जो फल, सब्जियां आ रही हैं वे किसान खुद अपने माध्यमों से ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि 24 मार्च की बंदी की घोषणा से पहले ही आंशिक बंदी लागू थी। कई राज्यों ने अपनी सीमाओं को सील किया हुआ था। इस वजह से लाखों ट्रक फंसे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जिस समय बंदी की घोषणा की गई उसके बाद बड़ी संख्या में ट्रक चालक अपने घरों को लौट गए। राजमार्गों पर ढाबे आदि भी बंद है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में ट्रक चालक सुरक्षित स्थानों... मसलन जहां उन्हें भोजन और रहने की सुविधा उपलब्ध है वहां चले गए हैं।
सिंह ने कहा कि इसके अलाव चढ़ाने-उतारने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। इस वजह से ट्रकों का परिचालन प्रभावित हुआ है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने बुधवार को कहा कि देशभर में कुल ट्रकों की संख्या 90 लाख है। इनमें से सिर्फ पांच प्रतिशत ट्रक सड़कों पर हैं। इससे माल की ढुलाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।
एआईएमटीसी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने रविवार को अधिसूचना जारी कर बंद के दौरान गैर जरूरी वस्तुओं की आवाजाही की अनुमति दे दी है लेकिन इसके बावजूद स्थिति नहीं सुधरी है। इसकी वजह से बहुत से ट्रक चालक अपने घरों को वापस लौट गए हैं या फिर ऐसे स्थानों पर रुके हैं जहां उन्हें खाने और ठहरने की सुविधा मिल रही है।
एआईएमटीसी की कोर समिति के चेयरमैन एवं पूर्व अध्यक्ष बाल मलकित सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘देशभर में 90 लाख वाणिज्यिक वाहन हैं। 3,500 राज्य, जिला, तालुका स्तर के निकाय एआईएमटीसी से संबद्ध हैं। सिर्फ पांच प्रतिशत वाणिज्यिक वाहन ही परिचालन कर रहे हैं। इनके जरिये मुख्य रूप से एलपीजी और अन्य पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति हो रही है। इसके अलावा छोटी दूरी के लिए दूध के टैंकर भी चल रहे हैं।
सिंह ने बताया कि अभी बाजार में जो फल, सब्जियां आ रही हैं वे किसान खुद अपने माध्यमों से ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि 24 मार्च की बंदी की घोषणा से पहले ही आंशिक बंदी लागू थी। कई राज्यों ने अपनी सीमाओं को सील किया हुआ था। इस वजह से लाखों ट्रक फंसे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि जिस समय बंदी की घोषणा की गई उसके बाद बड़ी संख्या में ट्रक चालक अपने घरों को लौट गए। राजमार्गों पर ढाबे आदि भी बंद है जिसकी वजह से बड़ी संख्या में ट्रक चालक सुरक्षित स्थानों... मसलन जहां उन्हें भोजन और रहने की सुविधा उपलब्ध है वहां चले गए हैं।
सिंह ने कहा कि इसके अलाव चढ़ाने-उतारने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। इस वजह से ट्रकों का परिचालन प्रभावित हुआ है।
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