युवी की शादी के बाद छलका पिता का दर्द, खोले कई राज

punjabkesari.in Sunday, Dec 11, 2016 - 03:10 PM (IST)

नई दिल्ली: टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह की शादी में शामिल होने का गम पिता योगराज सिंह की बातों से झलकता नजर आ रहा है। शनिवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने युवराज को लेकर कई खुलासे किए। दरअसल, वह युवराज के एक बाबा के पास जाकर शादी के लिए आशीर्वाद लेने वाली बात से काफी नाराज है। 

शादी में न जाने से रिश्तों में नहीं आई दरार
उनके पिता योगराज ने कहा कि भले मैं युवराज की शादी में नहीं गया, लेकिन मेरा प्यार अौर आशीर्वाद हमेशा से उसके साथ है और रहेगा। ऐसा नहीं है कि शादी में शामिल न होने से हमारे रिश्तों में दरार आ गई हो। युवराज मेरा बेटा है और हेजल मेरी बहू। दोनों मेरा दिल से सम्मान करते हैं। 

शादी में न जाने का फैसला मेरा पर्सनल मैटर है
मैंने शादी में न जाने का फैसला लिया। ये मेरा पर्सनल मैटर है। बस दोनों की शादी राजी खुशी हो गई, मेरे लिए यही काफी है। इनके साथ उन्होंने कहा कि मैंने प्रार्थना की थी कि मुझे हिम्मत देना। कहीं मेरे कदम भावनाओं में बहकर युवी की शादी तक न पहुंच जाए। बाबा के आशीर्वाद से सब ठीक हुआ। 

बाबाओं पर साधा निशाना 
वहीं डेरे वाले बाबाओं को लेकर वे बोले कि मैं हैरान हूं कि आजकल के पढ़े-लिखे लोग ही डेरे वाले बाबाओं के चक्कर में घूमते रहते हैं। पता नहीं उनकी सोचने-समझने की शक्ति कहां गई है। इनसे सही तो अनपढ़ लोग हैं, जिन्हें सही और गलत के बारे में तो पता है। मैं दूसरों को क्या कहूं, मैं तो खुद ही इस चीज को भुगत रहा हूं। मेरी फैमली तो खुद ही इन चक्करों में पड़ी है। जिस युवराज को मैंने अपने हाथों से खाना खिलाया, गोद में खिलाया और 16 साल तक क्रिकेट खेलना सिखाया। उसने कभी मुझे एक कुर्ता पायजामा नहीं दिलाया और डेरे में उसने 4-4 गाड़ियों की लाइन लगा रखी है।

धर्म के नाम पर करते है दिखावा 
योगराज ने कहा कि मैं तो ये जानना चाहता हूं कि जिस बाबा के पास वो जाता है, क्या उसने उसे किक्रेट खेलना सिखाया? क्या उस बाबा ने उसके कैंसर को ठीक किया और युवराज कहता है कि मैं बाबा के आशीर्वाद से खेल रहा हूं। मैं लोगों से ये पूछना चाहता हूं कि जो ज्ञान उन्हें इन ग्रंथोंं से नहीं मिल पाया, जो संस्कार वो इन ग्रंथो से नहीं सीख पाए, वो बाबाओं के पास जाकर क्या सीखते होंगे। मैं इन सब बाबाओं के बारे में जानता हूं कि ये कितने सही हैं कितने गलत। धर्म के नाम पर दिखावा करने वालों के बारे में योगराज बोलें, मेरा मानना है कि दिखावा करने में कुछ भी नहीं रखा है। अगर भक्ति करनी है तो दिल से करो।
 


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