जब युवराज ने क्रिकेट से संन्यास लेने का कर लिया था फैसला!

Friday, Jan 20, 2017 - 12:53 PM (IST)

कटक: कैंसर से संघर्ष के बाद युवराज सिंह ने एक समय क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में सोचा था लेकिन कप्तान विराट कोहली के विश्वास ने उसे ऐसा करने से रोका और उस विश्वास पर खरा उतरना इस धाकड़ बल्लेबाज के लिए लाजमी था ।  

विराट ने दिलाया भरोसा 
इंगलैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में करियर की सर्वश्रेष्ठ 150 रन की पारी खेलने के बाद युवराज ने कहा कि जब आपको टीम और कप्तान का भरोसा हासिल हो तो आत्मविश्वास आ ही जाता है। विराट ने मुझ पर काफी भरोसा दिखाया है और मेरे लिए यह काफी अहम है कि ड्रेसिंग रूम में लोगों को मुझ पर भरोसा हो।

फिटनेस पर मेहनत करनही पड़ी : युवी
उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब मुझे लग रहा था कि मुझे खेलते रहना चाहिए या नहीं। कई लोगों ने इस सफर में मेरी मदद की। मेरा फलसफा कभी हार नहीं मानने का है और मैं कभी हार नहीं मानता। मैं मेहनत करता रहा और मुझे पता था कि समय बदलेगा। इससे पहले युवराज ने आखिरी शतक 2011 विश्व कप में चेन्नई में लगाया था। उन्होंने कहा कि मुझे शतक बनाए लंबा समय हो गया था। मैं कैंसर से उबरकर खेल में लौटा हूं और पहले दो तीन साल काफी कठिन थे। मुझे फिटनेस पर मेहनत करनी पड़ी और मैं टीम से भीतर बाहर होता रहा। मेरी जगह टीम में पक्की नहीं रही।

मैं बड़ी पारी खेलना चाहता था: युवी
इस सत्र में रणजी ट्राफी में शानदार प्रदर्शन के दम पर युवराज की वापसी हुई है जिन्होंने अक्तूबर में बड़ौदा के खिलाफ 260 रन बनाए थे। युवराज ने कहा कि मैंने घरेलू सत्र में अच्छी बल्लेबाजी की । मैं बड़ी पारी खेलना चाहता था । युवराज को टीम में शामिल करने पर मिली जुली प्रतिक्रिया हुई थी और कुछ ने इसे पीछे की ओर कदम बताया लेकिन इससे इस खब्बू बल्लेबाज पर असर नहीं पड़ा ।  

खेल पर फोकस करने की कोशिश करता हूं:युवी
उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में नहीं सोचता कि कौन क्या कह रहा है और ना ही अखबार पढता हूं । मैं टीवी भी नहीं देखता हूं । मैं अपने खेल पर फोकस करने की कोशिश करता हूं ताकि यह साबित कर सकूं कि अभी भी मेरे भीतर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बचा है। अब उनका लक्ष्य लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है। 

150 रन वनडे क्रिकेट में बड़ा स्कोर 
उन्होंने कहा कि 150 रन वनडे क्रिकेट में बड़ा स्कोर है। यह मेरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर है और मुझे यहां तक पहुंचने में काफी समय लगा लेकिन मैं इस पारी से बहुत खुश हूं। इस लय को कायम रखने की कोशिश करूंगा। युवराज और एम एस धोनी ने चौथे विकेट की साझेदारी में 256 रन जोड़े । इस बारे में युवराज ने कहा कि हम दोनों टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं । उसे लगा कि मैं चौके लगा रहा हूं तो उसने स्ट्राइक रोटेट करना जारी रखा। हमारा पहला लक्ष्य साथ में 25 रन और फिर 50 रन पूरे करना था। इसके बाद हम शतकीय साझेदारी पूरी करना चाहते थे।

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