खेल मंत्री ने दिया ‘बेटी खेलाओ’ का नारा

punjabkesari.in Wednesday, Mar 08, 2017 - 03:59 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर देश के सभी परिजनों से अपनी बेटियों को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के साथ साथ ‘बेटी खेलाओ’ का नारा देते हुये उन्हें खेलों में आगे लाने की अपील की है। गोयल ने यहां महिला दिवस पर आयोजित ‘भारत में महिला और खेल’ सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद बुधवार को कहा कि देश में विभिन्न खेलों में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हमें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के साथ साथ ‘बेटी खेलाओ’ पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार विभिन्न खेलों में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

महिला की उपलब्धि पर मनाए महिला दिवस
उन्होंने परिजनों से अपील करते हुये कहा कि वे अपने बेटियों को खेलों में अधिक से अधिक भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करें। खेल मंत्री ने कहा कि रियो ओलंपिक में भी देशी की दो बेटियों पहलवान साक्षी मलिक और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया। गोयल ने देश की सभी महिला खिलाड़यिों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आठ मार्च के अलावा हर महिला की उपलब्धि पर महिला दिवस मनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि हर पुरुष खिलाड़ी के पीछे एक मां का हाथ होता है। इसलिये खेलों में महिलाओं की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि सरकार खेलों में महिलाओं को प्राथमिकता देगी।  

फिल्म दंगल में आकर प्रसिद्ध हुई फोगाट
गोयल ने महिला खिलाडिय़ों एवं अधिकारियों की समस्याएं सुनने के बाद कहा कि उनका मंत्रालय खिलाड़यिों की समस्याओं के समाधान के लिये एक समिति गठित करेगी जिसके समक्ष खिलाड़ी बिना किसी झिझक के अपनी शिकायतों को रख सकता है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि उनका मंत्रालय खिलाडिय़ों को कोच बनाने के लिये कोङ्क्षचग डिप्लोमा की शुरुआत करेगा। खेल मंत्री ने महिलाओं में खेलों को बढ़ावा देने के लिये फिल्मी समुदाय भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भी महिला पहलवान गीता फोगाट उतनी प्रसिद्ध नहीं हुई थी जितनी कि वह फिल्म दंगल में आकर हुई।  गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय देशों में खेलों को बढ़ावा देने के लिये जल्द ही स्पोट्र्स पोर्टल लांच करने जा रहा है जिसके तहत आठ साल से अधिक आयु के बच्चों को उनकी प्रतिभा को पहचान कर अगले पांच साल तक उन्हें पांच-पांच लाख रूपए की सहायता राशि देगा। खेल मंत्री ने सम्मेलन में आयी महिला खिलाड़यिों को 26 मार्च को बवाना में होने वाले ग्रामीण मैराथन में आने का भी न्योता दिया। 
 


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