हॉकी के जादूगर थे ध्यानचंद, जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

punjabkesari.in Tuesday, Aug 29, 2017 - 01:52 PM (IST)

नई दिल्ली: 29 अगस्त का दिन भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही खास बात यह है कि हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद का जन्म भी इसी दिन हुआ था। वह भारतीय हॉकी टीम के एक महान खिलाडी रहे हैं। 1905 को इलाहबाद में एक राजपूत घराने में जन्मे ध्यानचंद को हॉकी के सर्वकालिक महानतम खिलाडिय़ों में शामिल किया जाता है। 

जर्मन के हिटलर को भी किया था अपने खेल प्रभावित
ध्यानचंद ब्रिटिश आर्मी में लांस नायक थे। उनके बेहतरीन खेल प्रदर्शन को देखते हुए ब्रिटिश गवर्मेंट ने उन्हें मेजर बनाया था। ध्यानचंद ने अपनी करिश्माई हॉकी से जर्मन तानाशाह हिटलर ही नहीं बल्कि महान क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन को भी अपना फैन बना दिया था। ध्यानचंद का खेल देख कर हर कोई उनका मुरीद हो जाता था। उन्होंने अपनी हॉकी के साथ 1000 गोल किए हैं। उनकी ये खेल देखकर क्रिकेट जगत के महान खिलाड़ी डॉन ब्रैडमैन ने भी उनकी तारीफ करते हुए कहा था कि आप तो क्रिकेट में रनों की तरह गोल करते हैं। यह भी कहा जाता है कि उन्होंने दुनिया में सबसे ज्यादा गोल किए हैं।
PunjabKesari
ठुकरा दिया था हिटलर का ऑफर
ध्यानचंद का खेल ऐसा था कि कोई भी उसे देखता तो उसका दिवाना हो जाता। उनके खेल का जादू ऐसा था कि जर्मन तानाशाह हिटलर तक उनके खेल के मुरीद हो गए थे। हिटलर ने उनको जर्मन सेना में पद ऑफर करते हुए उनकी तरफ से खेलने का ऑफर दिया था जिसे भारत के इस सपूत ने ठुकरा दिया था। उन्होंने हिटलर को कहा कि मैंने भारत का नमक खाया है, मैं भारतीय हूं और भारत के लिए ही खेलूंगा।

PunjabKesari
उनके जीवन की कुछ खास बातें 
उन्होंने अपनी 21 साल की उम्र में ही न्यूजीलैंड जाने वाली भारतीय टीम में जगह बना ली थी। न्यूजीलैंड की धरती पर भारत ने 21 में से 18 मैच जीते थे। अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में सबसे ज्यादा गोल करने वाले ध्यानचंद के नाम तीन ओलिंपिक स्वर्ण पदक हैं। सन 1928 के एम्सटर्डम ओलिंपिक खेलों में ध्यानचंद ने 5 मैच में 14 गोल ठोक डाले थे। फाइनल में भारत ने हॉलैंड को 3-0 से हराकर स्वर्ण जीता जिसमें दो गोल ध्यानचंद ने किए। वर्ष 1936 के बर्लिन ओलिंपिक के पहले अंतरराष्ट्रीय दौरों पर उन्होंने 175 में से 59 गोल किए। उस ओलिंपिक के दौरान 38 में से 11 गोल उनकी स्टिक से ही आए।
PunjabKesari
1979 में हो गया था निधन
मेजर ध्यानचंद को 1956 में पद्‌मभूषण से भी नवाजा गया था। अब उनको भारत रत्न देने की मांग जोर पकड़ रही है। उनके जन्मदिन पर खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार देने की परंपरा ध्यानचंद की याद दिला जाती है। ध्यानचंद का निधन 3 दिसम्बर, 1979 को 74 साल की उम्र में हुआ था। उनका बेटा अशोक कुमार भी भारतीय हॉकी टीम का सदस्य रहे हैं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News