तटस्थ स्थल का प्रारूप खत्म, अब पहले की तरह होगी रणजी ट्रॉफी

Tuesday, Aug 01, 2017 - 08:08 PM (IST)

कोलकाता: बीसीसीआई ने भारतीय सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद सहित चोटी के घरेलू खिलाडिय़ों की आलोचना के बाद रणजी ट्रॉफी में केवल एक सत्र के बाद विवादास्पद तटस्थ स्थल का प्रारूप समाप्त करने का फैसला किया है। रणजी ट्राफी का 2017-2018 का सत्र छह अक्तूबर को शुरू होगा और अब पहले की तरह मैच दो टीमों के बीच अपने और विरोधी टीम के मैच स्थल के आधार पर खेले जाएंगे। पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की अगुवाई वाली बीसीसीआई की तकनीकी समिति ने यह फैसला किया।

एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला 28 टीमों को चार ग्रुप में बांटने से संबंधित है। अब तीन ग्रुप के बजाय सात-सात टीमों के चार ग्रुप होंगे। समिति ने इस साल के शुरू में मुंबई में वार्षिक सम्मेलन में कोचों और खिलाडिय़ों से नकारात्मक फीडबैक मिलने के बाद यह फैसला किया। बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा कि हालांकि नाकआउट मैच पहले की तरह तटस्थ स्थलों पर खेले जाएंगे। तटस्थ स्थलों पर मैचों के आयोजन का फैसला पिछले साल गांगुली की अगुवाई वाली तकनीकी समिति की मंजूरी के बाद ही आजमाया गया था। इस दौरान स्टेडियम खाली पड़े रहे और मेजबान संघों ने भी मैचों में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।

गांगुली ने कहा कि हमने फिर से अपने और विराधी टीम के मैच स्थल पर मैचों के आयोजन का फैसला विभिन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किया। यहां तक कि खिलाड़ी और कप्तान भी एेसा चाहते थे। उन्होंने कहा कि अब मैच कम होंगे। यह काफी लंबे समय तक खिंच जाते हैं। राज्य संघ भी अपनी टीमों के मैचों का आयोजन घरेलू स्थल पर चाहते थे। तटस्थ स्थलों पर मैचों का आयोजन हमने प्रयोग के तौर पर किया था और अब हमने फिर से मूल प्रारूप अपना लिया है। 

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