2016 रहा सिंधू के लिए सुनहरा साल, बनी गोल्डन गर्ल

Friday, Dec 23, 2016 - 12:22 PM (IST)

नई दिल्ली:  रियो ओलिंपिक में ऐतिहासिक रजत पदक, देश का सर्वोच्च राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, चाइना ओपन के रूप में पहला सुपर सीरीज खिताब, वर्ष की सबसे ज्यादा सुधार करने वाली खिलाड़ी का पुरस्कार और विश्व सुपर सीरीज फाइनल्स में सेमीफाइनल तक का सफर- ये ऐसी उपलब्धियां हैं जिसने 21 साल की पीवी सिंधू को 2016 में भारतीय बैडमिंटन की ‘गोल्डन गर्ल’ बना दिया।  

रियो ओलिंपिक में रजत पदक जीतकर रचा इतिहास
सिंधू ने जहां इस साल हैरतअंगेज कामयाबियां हासिल की वहीं पूर्व नंबर एक सायना नेहवाल के लिए यह एक निराशाजनक वर्ष रहा। सिंधू ने रियो ओलिंपिक में रजत पदक जीतकर न सिर्फ इतिहास रच दिया बल्कि उन्होंने हर भारतीय के चेहरे पर गर्व भरी मुस्कान बिखेर दी वहीं पदक की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही सायना को अपनी चोट के कारण ग्रुप दौर में हारकर बाहर हो जाना पड़ा।  

लंदन ओलिंपिक 2012 में सायना ने जीता कांस्य
21 साल की सिंधू के लिए 2016 उनके करियर का सबसे यादगार वर्ष बन गया। सिंधू रियो ओलिंपिक में रजत हासिल करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई। इससे पहले लंदन ओलिंपिक 2012 में सायना ने कांस्य पदक जीता था।   

सिंधू को मिली खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न
भारत के पहले एशियाई चैंपियन दिनेश खन्ना ने कहा था कि सिंधू में ओलिंपिक में पदक जीतने की क्षमता है लेकिन इसके लिए उन्हें अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखनी होगी। खन्ना की यह बात सही साबित हुई। सिंधू को रियो ओलिंपिक में अपने ऐतिहासिक रजत पदक का ईनाम देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न के रूप में मिला। सिंधू को एक अन्य बड़ा पुरस्कार दुबई में विश्व सुपर सीरीज फाइनल्स से पहले मिला जब उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ ने वर्ष में सबसे ज्यादा सुधार करने वाली खिलाड़ी का पुरस्कार दिया। यह पुरस्कार पहली बार शुरू किया गया था।

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