शारीरिक रूप से कठिन थी आस्ट्रेलिया के खिलाफ 1998 में शारजाह की पारी: सचिन

Thursday, Jul 27, 2017 - 06:36 PM (IST)

मुंबई: शारजाह में अपने शानदार प्रदर्शन, विशेषकर आस्ट्रेलिया के खिलाफ 143 रन की पारी से भारत को त्रिकोणीय वनडे सीरीज के फाइनल में पहुंचाने वाले महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने आज फिर बयां किया कि यह पारी शारीरिक रूप से कितनी कठिन थी। उन्होंने आज बताया, अप्रैल के महीने के मौसम को देखते हुए तापमान सचमुच काफी गर्म था और आप अपने जूते में इस गर्मी को महसूस कर सकते थे और एेसे में आप सबसे पहले अपने पैरों को बर्फ से भरी बाल्टी में डालना चाहोगे।

तेंदुलकर ने कहा कि मेरा भी यही हाल था, वह मेरा एक अनुभव था जिसे मैं मुश्किल हालात के रूप में याद रखता हूं क्योंकि इस दौरान दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम आस्ट्रेलिया (उस समय आस्ट्रेलिया नंबर एक टीम थी) के खिलाफ खेलना और उन्हें इतने शानदार तरीके से हराना सचमुच काफी संतोषजनक था। आईडीबीआई लाइफ इंश्योरेंस मुंबई हाफ मैराथन 20 अगस्त को आयोजित होगी, इस कार्यक्रम के दौरान तेंदुलकर ने अपने अनुभव साझा किए। कोका कोला कप में तेंदुलकर की पारी की बदौलत भारत ने 22 अप्रैल 1998 को फाइनल में प्रवेश किया था।

वहीं 24 अप्रैल को फाइनल में तेंदुलकर ने 134 रन की पारी खेली जिससे भारत ने आस्ट्रेलिया को हराकर खिताब जीता। न्यूजीलैंड टूर्नामेंट की तीसरी टीम थी। इन दोनों मैचों को याद करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि मेरे 48 घंटे का अनुभव शारजाह मैच थे, जो मैंने 1998 में खेले थे। उन दिनों हम शारजाह में खेलते थे और वापस दुबई जाते थे। जब तक हम होटल पहुंचे, सामान खोला तब सुबह के दो बज गए या इतना ही समय था, जब मैं सोने गया। अगला दिन रिकवरी दिन था और उसके अगले ही दिन फाइनल था। यह इतना आसान नहीं था।

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