लड़कों को आजादी देने की सोच को हर हाल में बदलना होगा: सचिन

Wednesday, Oct 11, 2017 - 03:54 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत रत्न और मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि यदि समाज में बदलाव लाना है तो लड़कियों पर अंकुश लगाने और लड़कों को आजादी देने की सोच को हर हाल में बदलना होगा। सचिन ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर यूनीसेफ और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित परिचर्चा में जोर देते हुये कहा कि लड़कियों के साथ भेदभाव मिटाने और उन्हें समान अवसर देने की शुरूआत हमें अपने परिवार से ही करनी होगी। 

आमतौर पर भारतीय समाज में परिवारों में यह देखा जाता है कि बेटा गलतियां करता है तो कोई बात नहीं लेकिन लड़कियों पर तमाम तरह के अंकुश लगाए जाते हैं। यह मानसिकता हर हाल में बदलनी चाहिये। इस परिचर्चा में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज, बास्केटबॉल खिलाड़ी रसप्रीत सिद्धू, स्पेशल ओलंपिक एथलीट रागिनी राव शर्मा, मध्यप्रदेश की कराटे चैंपियन माना मांडलेकर और बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ की एम्बेसेडर तथा पैरा एथलीट रजनी झा मौजूद थीं।   

सचिन ने लड़कियों को अपने सपनों का पीछा करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि मैंने भी अपने सपनों का पीछा किया था। सपने किसी के साथ भेदभाव नहीं करते बल्कि भेदभाव हम करते हैं। लड़कियों को भी अपने सपनों का पीछा करना चाहिये और इसमें उनके माता-पिता की अहम भूमिका होनी चाहिये जो उन्हें जीने की आजादी दे। उन्हें उनके अधिकार दे और हर समय उन्हें प्रोत्साहित करें।

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