सचित का लक्ष्य अगले साल जूनियर ग्रैंडस्लैम में खेलना

punjabkesari.in Sunday, Oct 22, 2017 - 01:14 PM (IST)

नई दिल्ली: अपने लंबे कद, करारी सर्विस, मजबूत बैकहैंड और सर्व व वॉली पर अच्छी पकड़ के कारण भारतीय टेनिस में तेजी से उभरते युवा खिलाड़ी और हाल में राष्ट्रीय जूनियर चैंपियन बने सचित शर्मा का लक्ष्य अब विश्व जूनियर रैंकिंग में शीर्ष 10 में जगह बनाना और अगले साल सभी ग्रैंडस्लैम में खेलना है।  इस साल जूनियर डेविस कप के प्रमुख खिलाड़ी रहे सचित ने इस महीने के शुरू में आरके खन्ना स्टेडियम में खेली गयी राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल में ध्रुव सुनीस को 6-3, 6-4 से हराकर खिताब जीता था। वह जल्द ही हांगकांग और कोरिया में दो टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे।   

दो साल पहले भारत में रोड टु विंबलडन टूर्नामेंट जीतकर ब्रिटेन की अंडर-14 चैंपियनशिप में खेलने वाले 16 वर्षीय सचित ने भाषा से कहा, जूनियर वर्ग में मेरी विश्व रैंकिंग अभी 218 है और जब जनवरी में नई रैंकिंग आएगी तब मेरा लक्ष्य शीर्ष 100 में जगह बनाना है। मैं 2019 तक जूनियर वर्ग में खेल सकता हूं और तब तक मैं शीर्ष दस में जगह बनाने की पूरी कोशिश करूंगा।  सचित को बचपन से कोचिंग दे रहे मोहमद आरिफ खान को भी विश्वास है कि उनका यह होनहार शिष्य अगले साल चारों ग्रैंडस्लैम के जूनियर वर्ग में खेलने में सफल रहेगा।   

आरिफ खान ने कहा, सचित की रैंकिंग में तेजी से सुधार लाने के लक्ष्य के साथ हमने भविष्य का कार्यक्रम तैयार किया है। अभी वह हांगकांग में आईटीएफ ग्रेड-2 टूर्नामेंट और उसके बाद कोरिया में एशियाई जूनियर टूर्नामेंट में खेलेगा। सचित 6 फीट 3 इंच लंबा है जिसका उसे फायदा मिलता है। वह मानसिक रूप से मजबूत है और उसकी सर्विस और बैकहैंड काफी दमदार है। मुझे विश्वास है कि वह अपने लक्ष्य हासिल करने में सफल रहेगा।   उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि वह अगले साल चारों ग्रैंडस्लैम के जूनियर वर्ग में खेले और इसके लिये रैंकिंग में शीर्ष 100 में होना जरूरी है। मुझे विश्वास है कि आस्ट्रेलियाई ओपन से पहले सचित ड्रा में जगह बनाने लायक रैंकिंग हासिल कर लेगा।   

रोजर फेडरर को अपना आदर्श मानने वाले सचित जब 6 साल के थे तब से उन्होंने अपनी मां अलका शर्मा के प्रयासों से टेनिस रैकेट थाम दिया था जो अब इस युवा टेनिस खिलाड़ी के लिये मां से लेकर मैनेजर तक की हर तरह की भूमिका निभा रही हैं। सचित सुबह पांच बजकर 30 मिनट पर पीतमपुरा के एमएम पब्लिक स्कूल स्थित मास्टरमाइंट टेनिस अकादमी में खेलने के लिये चले जाते हैं लेकिन उनकी मां की दिनचर्या इससे दो घंटे पहले से शुरू हो जाती है। काफी पढी लिखी होने के बावजूद उन्होंने बेटे की खातिर कभी नौकरी भी नहीं की।  

 अलका शर्मा ने कहा, सचित बहुत तेज दिमाग का है। वह कोर्ट पर अपने प्रतिद्वंद्वी को समझने की कोशिश करता है और फिर उसी तरह से खेलता है। मैं तो उसके लिये मां से लेकर कुक और मैनेजर तक की भूमिका निभाती हूं लेकिन मुझे खुशी है कि वह जो हासिल करना चाहता है, उसके लिए प्रतिबद्ध है।  सचित जूनियर डेविस कप के अलावा विश्व जूनियर टेनिस में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।   


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