भारोत्तोलक फरमान बाशा कांस्य से चूके

Saturday, Sep 10, 2016 - 08:31 AM (IST)

रियो डी जनेरियो: रियो पैरालिम्पिक के भारोत्तोलन स्पर्धा में भारतीय भारोत्तोलक फरमान बाशा कांस्य पदक से चूक गए जब उन्हें पुरुषों के 49 कि.ग्रा. वर्ग में चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा।
 
स्पर्धा में 2010 के एशियाई पैरा खेलों के कांस्य पदक विजेता बाशा से उस समय देशवासियों को पदक की काफी उम्मीद जग गई जब उन्होंने पहले प्रयास में 140 कि.ग्रा. भार वजन उठाया लेकिन अगले 2 प्रयासों में वह 150 और 155 कि.ग्रा. वजन नहीं उठा पाए और चौथे स्थान पर रहे। भारत ने रियो पैरालिम्पिक खेलों में अपना सबसे बड़ा 19 सदस्यीय दल भेजा है। 
 
भारोत्तोलन स्पर्धा में वियतनाम के कांग वान ली ने विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए 181 कि.ग्रा. भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता। वहीं जॉर्डन के ओमार कराडा ने 177 कि.ग्रा. भार के साथ रजत और हंगरी के नेंडोर टंकेल ने 155 कि.ग्रा. भार के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। 
 
क्वालीफिकेशन राऊंड से बाहर हुए निशानेबाज नरेश
ब्राजील के रियो डी जनेरियो में चल रहे पैरालिम्पिक खेलों के पहले दिन भारत को निराशा हाथ लगी जहां उसके निशानेबाज नरेश कुमार शर्मा पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एस.एच.1 इवैंट के फाइनल में प्रवेश नहीं कर सके। 
 
ओलिम्पिक शूटिंग रेंज में हुए क्वालीफिकेशन राऊंड में नरेश का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और स्पर्धा पूरी करने वाले प्रतिभागियों में वह आखिरी पायदान पर रहे। नरेश ने 4 सीरीज में कुल 583 का स्कोर हासिल किया। स्पर्धा में दक्षिण कोरिया के जिन हो पार्क ने 625.3 अंकों के साथ शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई जो पैरालिम्पिक में एक विश्व रिकॉर्ड है। इसके अलावा सॢबया के लासलो सुरांजी 620.7 अंकों के साथ दूसरे और संयुक्त अरब अमीरात के अब्दुल्ला सुल्तान अलअयारनी 619.5 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।  
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