अब निकलेगा कुंबले-कोहली विवाद हल!

punjabkesari.in Thursday, Jun 01, 2017 - 04:16 PM (IST)

नई दिल्ली: रामचंद्र गुहा ने प्रशासकों की समिति (सीओए) से त्यागपत्र के लिए निजी कारणों का हवाला दिया है लेकिन इसे भारतीय कोच के रूप में अनिल कुंबले के भविष्य को लेकर जुड़ी अटकलबाजियों से जोड़ा जा सकता है। गुहा ने आज उच्चतम न्यायालय में बताया कि उन्होंने निजी कारणों से त्यागपत्र दे दिया है और पता चला है कि इससे सीओए हैरान है। यह भी पता चला है कि गुहा ने अपने त्यागपत्र को लेकर सीओए के अपने किसी साथी से चर्चा नहीं की हालांकि उच्चतम न्यायालय में उन्होंने बताया कि वह समिति के अध्यक्ष विनोद राय को इस बारे में सूचित कर चुके थे।  

कुंबले को लेकर चल रही अटकलबाजी से नराज थे: रामचंद्र गुहा
सीओए के एक सदस्य ने कहा कि नहीं, मुझे उनके त्यागपत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि उन्होंने कभी मुझे इस बारे में नहीं बताया। मुझे केवल मीडिया से इस बारे में जानकारी मिली।  इस मशहूर इतिहासकार के पास सीओए के लिए काफी कम समय था और वह अपनी अकादमिक प्रतिबद्धताओं के कारण इसकी आधी बैठकों में भी हिस्सा नहीं ले पाए थे।  इसके अलावा वह कुंबले को लेकर चल रही अटकलबाजी से भी विशेष रूप से खुश नहीं थे। 
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पूर्व कप्तान के कोच के रूप में भविष्य को लेकर लगाई जा रही है अटकलें
कुंबले और भारतीय कप्तान विराट कोहली के बीच मतभेद की रिपोर्टों के बाद इस पूर्व कप्तान के कोच के रूप में भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही है।  गुहा, विनोद राय या विक्रम लिमये में से किसी ने भी बीसीसीआई से एक भी पैसा नहीं लिया है हालांकि वे प्रत्येक कामकाजी दिन के लिए प्रति व्यक्ति एक लाख रूपए लेने के लिए अधिकृत हैं।  बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि उन्हें खेल इतिहास के बारे में काफी ज्ञान है और वह काफी पढ़े लिखे हैं लेकिन क्रिकेट प्रशासन का संचालन करना पूरी तरह से हटकर है। फिर चाहे वह बीसीसीआई हो या आईसीसी का मसला, विनोद राय और विक्रम लिमये ही मुख्य तौर पर फैसले करते रहे हैं।  


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