खिलाडिय़ों के आएंगे अच्छे दिन, रखा 1756 करोड़ रुपए का बजट

punjabkesari.in Wednesday, Sep 20, 2017 - 04:34 PM (IST)

नई दिल्ली: आम जनता के भले ही अच्छे दिन अभी न आए हों लेकिन खिलाडिय़ों के अच्छे दिन जल्द आने वाले हैं। दरअसल, सरकार ने देश में खेलों के विकास के लिए खेलो इंडिया को और चुस्त दुरूस्त करते हुए 2017-18 से 2019-20 तक की अवधि में इस कार्यक्रम के लिए 1756 करोड़ रुपए का बजट रखा है। 

‘खेलो इंडिया’ में बदलाव, सुधार को मंजूरी
नए खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद खेलो इंडिया कार्यक्रम में सुधार और नए बदलाव लाने की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल में देश में खेलों के विकास के लिए ‘खेलो इंडिया’ राष्ट्रीय कार्यक्रम योजना में बदलाव और सुधार को मंजूरी दे दी है। राठौर ने बताया कि इसके तहत 2017-18 से 2019-20 तक की अवधि के लिए 1756 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।  सरकार ने हाल ही में आगामी ओलंपिक , एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के लिए टॉप योजना में चुने गए 152 एथलीटों को हर महीने 50-50 हकाार रुपए का भत्ता देने की भी घोषणा की थी। इसके बाद अब खेलों इंडिया कार्यक्रम के लिये यह बजट रखा गया है। राठौर ने साथ ही बताया कि खेलो इंडिया कार्यक्रम में जो सुधार किया गया है उससे आधारभूत ढांचे, सामुदायिक खेल, प्रतिभा पहचान, कोचिंग, प्रतियोगिता ढांचा और खेल अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा योजना के तहत चुने गये प्रत्येक एथलीट को लगातार आठ वर्ष तक हर साल पांच लाख रूपये की वार्षिक स्कॉलरशिप दी जाएगी। 

राठौर ने कहा, ‘‘यह पहली बार है कि जब एक दीर्घकालीन एथलीट विकास कार्यक्रम प्रतिभाशाली युवा खिलाडिय़ों के लिए  उपलब्ध रहेगा जिससे वे प्रतिस्पर्धी खेलों में अपनी प्रतिभा दिखा सकें और खुद को साबित कर सकें।’’ विश्वविद्यालय स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब कई विश्व विद्यालयों को खेल हब बनाने जा रही है। 

फिटनेस को प्राथमिकता
राठौर ने कहा, ‘‘देशभर में 20 विश्वविद्यालयों को खेल हब के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा। हमें इस स्तर से कई अच्छे खिलाड़ी मिल सकते हैं जिन्हें भविष्य के लिए तराशा जा सकता है।’’ खेल मंत्री ने बताया कि युवाओं में फिटनेस को प्राथमिकता देने के लिए 10 से 18 वर्ष आयु वर्ग में करीब 20 करोड़ बच्चों को लाया जाएगा और उन्हें फिटनेस की उपयोगिता तथा खेलों को अपनाने की जरूरत तक जागरूक किया जाएगा।


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