विश्वकप में विदेशी कोचों के भरोसे रहेगा 10 टीमों का भाग्य

punjabkesari.in Wednesday, Feb 24, 2016 - 04:24 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत की मेजबानी में मार्च में होने वाले आईसीसी ट्वंटी 20 विश्वकप टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली 16 टीमों में से 10 टीमों का भाग्य विदेशी कोचों के भरोसे रहेगा। 8 मार्च से होने वाले विश्वकप में सिर्फ 6 टीमें ऐसी हैं जिनके कोच उनके देश के ही है।
 
आस्ट्रेलिया के कोच डैरेन लेहमैन , भारत के रवि शास्त्री, न्यूजीलैंड के माइक हैसन, पाकिस्तान के वकार यूनुस, दक्षिण अफ्रीका के रसेल डोमिंगो और वेस्टइंडीज के फिल सिमंस छह ऐसे कोच हैं जो अपनी टीमों के देश के हैं। विश्वकप में 10 टीमें ऐसी हैं जिनकी नैया पार लगाने का दारोमदार विदेशी कोचों के भरोसे रहेगा। गत चैंपियन श्रीलंका के कोच ग्राहम फोर्ड दक्षिण अफ्रीका के हैं। इंग्लैंड के कोच ट्रेवर बेलिस आस्ट्रेलिया से हैं तो जिम्बाब्वे के कोच डेव व्हाटमोर भी आस्ट्रेलिया से हैं। 
 
बंगलादेश के कोच चंडिका हथरूसिंघे श्रीलंका से, अफगानिस्तान के कोच इंजमाम उल हक पाकिस्तान के और हांगकांग के कोच साइमन कुक आस्ट्रेलिया से हैं।  आयरलैंड के कोच जॉन ब्रेसवेल न्यूजीलैंड से, हालैंड के कोच एंटन रॉक्स दक्षिण अफ्रीका से, ओमान के कोच दिलीप मेंडिस श्रीलंका से और स्काटलैंड के ग्रांट ब्रैटबर्न न्यूजीलैंड से है। विश्वकप के 16 कोचों को देखा जाए तो इनमें सर्वाधिक 4 आस्ट्रेलिया से हैं जबकि 3-3 न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका से हैं। पाकिस्तान और श्रीलंका से 2-2 कोच तथा भारत और वेस्टइंडीज से एक एक कोच है।  

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