एक चिट्ठी ने बदल दी इस खिलाड़ी की जिन्दगी

punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2017 - 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय हैंडबॉल महिला टीम की कप्तान ख़ुशबू का प्रदर्शन देश को लिए हमेशा शानदार रहा हैं। ख़ुशबू उज्बेकिस्तान के ताशकंद में 23 सितंबर से 2 अक्टूबर तक होने जा रही एशियन वीमेन क्लब लीग हैंडबॉल चैंपियनशिप में हिस्सा लेते हुए भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। वह भारतीय हैंडबॉल महिला टीम में बिहार की इकलौती खिलाड़ी हैं। आज ख़ुशबू भारतीय हैंडबॉल महिला टीम में बिहार की इकलौती खिलाड़ी हैं. मगर वह इस जगह न होतीं, अगर एक चिट्ठी ने उनका जीवन न बदला होता। एक समय उनको हैंडबॉल खेलने के लिए काफी दिक्क़तो का सामना करना पड़ा, लेकिन यदि उनकी माँ उनका सपोर्ट नहीं करती तो शायद वे यह नहीं कर पाती।
PunjabKesari
ख़ुशबू बताती हैं कि खेल की प्रैक्टिस की वजह से मैं कभी-कभी देर रात घर पहुंचती थी, कोई लड़की यह खेल नहीं खेलती थी, ऐसे में प्रैक्टिस लड़कों के साथ होती थी। आस-पड़ोस का कोई देख लेता था तो मम्मी-पापा को ताने मारने लगता था। पड़ोसियों के दबाव में आकर घरवालों ने मेरे खेलने पर रोक लगा दी। वह कहती हैं कि मैंने भी आम लड़कियों की तरह जीना सीख लिया था। मुझे लगा कि आगे नहीं खेल पाऊंगी, लेकिन मैं हार नहीं मानना चाहती थी। मगर ख़ुशबू जब हताश हो चुकी थीं, एक चि_ी उनके लिए उम्मीदें लेकर आई. ख़ुशबू बताती हैं कि उस समय इंडिया कैंप का एक लेटर आया था, जिसमें बारहवें सैफ खेलों के लिए मेरा चयन हुआ था। मैंने घरवालों को विश्वास दिलाया, उन्हें मनाया, एक चांस मांगा।
PunjabKesari
ख़ुशबू ने कहा कि मां ने तो मदद की, मगर पापा ने सपॉर्ट नहीं किया। फिर भी घरवाले किसी तरह एक मौका देने के लिए तैयार हो गए। खुशबू ने कहा कि जब बह बांग्लादेश में अच्छा प्रदर्शन करके लौटी तो घर के बाहर ढोल बजाते हुए भीड़ आ रही थी। पहले मुझे लगा कि किसी की शादी होगी, मगर बाहर देखा तो सभी फूल-मालाओं को हाथ में लिए मुझे पहनाने आ रहे थे। साथी खिलाडिय़ों ने मेरा जोरदार स्वागत किया। इसके बाद तो मुझे कोई दिक्कत नहीं आई और आज रिजल्ट आपके सामने है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News