गरीबी के चलते इस ओलंपिक मेडलिस्ट ने बेच दिए अपने सारे पदक

Tuesday, Feb 28, 2017 - 03:48 PM (IST)

न्यूयार्क: म्यूनिख ओलंपिक 1972 में पदक जीतने वाली पूर्व सोवियत जिमनास्ट स्टार खिलाड़ी ओल्गा कोरबूत को अपने मौजूदा बुरे दौर के कारण अमेरिका में हुई नीलामी में अपना पदक एवं अन्य ट्राफियां बेचनी पड़ी हैं। म्युनिख ओलंपिक के रजत सहित दो स्वर्ण पदक और 32 ट्राफियां बेचकर 333,500 डालर की राशि प्राप्त हुई है। हैरिटेज नीलामी संस्था ने करीब एक सप्ताह तक ऑनलाइन इन पदकों को बेचकर यह राशि हासिल की है। 

भूख से बचने के लिये पदकों को बेचा
नीलामी कंपनी के प्रवक्ता क्रिस इवी ने इसकी जानकारी दी। एरिजोना की निवासी पूर्व सोवियत जिमनास्ट को नीलामी में सर्वाधिक 66 हजार डॉलर की कीमत उनके टीम स्वर्ण के लिये मिला। 61 वर्षीय पूर्व जिमनास्ट ओल्गा बेलारूस की रहने वाली हैं जो 1991 में अमेरिका आकर बस गयी थीं। रूसी मीडिया ने बताया कि ओल्गा को काफी समय से वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने गरीबी और भूख से बचने के लिये इन पदकों को बेचा है। 

विभिन्न सोवियत पदकों को भी किया नीलाम 
गौरतलब है कि 17 साल की चार फुट 11 इंच लंंबी ओल्गा ने म्युनिख खेलों में बैलेंस बीम और फ्लोर एक्सरसाइज में स्वर्ण एवं रजत पदक जीता था। इसके चार साल बाद ओल्गा ने मोंट्रियाल ओलंपिक खेलों में जिमनास्ट में फिर से स्वर्ण और रजत पदक जीता। नीलामी में ओल्गा ने 1972 में उन्हें मिला बीबीसी स्टोट्र्स पर्सन आफद ईयर अवार्ड और विभिन्न सोवियत पदकों को भी नीलाम किया। 

Advertising