..जब लगा कहीं एक दूसरे को गोली न मार दें भारत-पाक खिलाड़ी!(Pics)

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2016 - 08:00 AM (IST)

नई दिल्ली: वर्ष 1972 के जर्मनी में हुए म्यूनिख समर ओलंपिक को इजरायली खिलाडियों पर हुए आतंकी हमले के लिए जाना जाता है। लेकिन इससे जुड़ी एक और कहानी अाज हम अापकाे बताने जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, जब इजरायली टीम पर हमला हुआ तो उसी स्पोर्ट्स विलेज में भारत और पाकिस्तान की टीम भी मौजूद थीं। सुरक्षा के बाकी इंतजाम के साथ-साथ जर्मन पुलिस को डर था किरखना पड़ रहा था कि कहीं भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी एक दूसरे को गोली न मार दें। 

इसकी वजह यह थी कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 का युद्ध थमे अभी कुछ ही महीने हुए थे और दोनों देशों के बीच काफी अशांति थी। पाकिस्तान अपनी हार से बेहद दुखी था। इसलिए दाेनाें देशाें में किसी भी तरह की बुरी घटना की आशंका लगातार बनी हुई थी। भारत और पाकिस्तान दोनों में ही ग्रुप्स में उनकी शूटिंग टीम मौजूद थीं। क्योंकि वो सभी शूटर्स थे तो साथ अपनी बंदूकें और प्रैक्टिस के लिए अन्य बंदूकें भी लाए थे। 

वहीं, जर्मन सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की ख़ुफ़िया सूचना मिली थी कि दोनों ही टीमों में बतौर खिलाड़ी कुछ इंटेलीजेंस के लोग शामिल कर भेजे गए हैं। एेेसे में डर था कि कभी भी कुछ हो सकता है। जानकारी के मुताबिक,खिलाडि़याें के कमराें के बाहर हमेशा पुलिस के जवान तैनात रहते थे। पुलिस ने कभी कुछ कहा नहीं लेकिन वे रात भर भी कमरे के बाद पहरा देते थे। हालांकि ऐसी कोई घटना नहीं हुई और ये ओलंपिक 'ब्लैक सेप्टेम्बर' के आतंकी हमले के लिए याद की जाती है।


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