सुशील पर लगाए नरसिंह के आरोप को मंत्रालय ने किया खारिज

Thursday, Jun 29, 2017 - 06:18 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ पहलवान नरसिंह यादव के लगाये गये हितों के टकराव के आरोप को गुरूवार को सिरे से खारिज कर दिया। डोपिंग के आरोप में चार साल के लिये निलंबित चल रहे पहलवान नरसिंह ने सुशील को राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किये जाने का विरोध किया था और खेल मंत्रालय को पत्र लिखकर सुशील की नियुक्ति पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था।  केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने मीडिया में छपी रिपोर्टाें पर तुरंत संज्ञान लेते हुये एक बयान जारी कर नरसिंह के आरोप को बेबुनियाद करार दे दिया। 

गोयल ने बयान में दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा वाले 12 खिलाडिय़ों को मंत्रालय ने खेलों के विकास के लिए राष्ट्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था और ये राष्ट्रीय पर्यवेक्षक मंत्रालय द्वारा उन्हें दी गई भूमिका और दिशा निर्देशों के अनुसार ही काम कर रहे हैं। खेल मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में उनकी नियुक्ति के समय उनकी भूमिका को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया गया था और उनकी जिम्मेदारी के बारे में भी साफ दिशा निर्देश जारी किये गये थे। इन पर्यवेक्षकों का काम राष्ट्रीय टीमों के चयन की निगरानी रखना है और स्वतंत्र तथा पारदर्शी चयन को मजबूत करने के लिये उपाय सुझाना है।

गोयल ने बताया कि इनकी जिम्मेदारियों में मौजूदा खेल ढांचों और उपकरणों का आंकलन राष्ट्रीय कोङ्क्षचग कैंप स्थलों में चिकित्सा सुविधाओं की निगरानी और किसी भी तरह की कमी को बताना, भारतीय और विदेशी कोचों के प्रदर्शन का आकलन, समीक्षा तथा उसकी रिपोर्ट देना, शिविर में शामिल खिलाडिय़ों की प्रगति के बारे में बताना शामिल है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को एथलीटों तथा कोचों के प्रदर्शन के पूरे डाटा को देखना, खिलाडिय़ों तथा अन्य अंशधारकों की शिकायतों की जांच करना और उस पर मंत्रालय को रिपोर्ट भेजना, राष्ट्रीय खेल महासंघों, राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन संगठनों और भारतीय खेल प्राधिकरण की मदद करना तथा अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर के लिये जरूरत पडऩे पर टीमों के साथ जाना शामिल है। 

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