'डेफ एंड डंब' क्रिकेटर्स के साथ ऐसा भेद-भाव क्यों ?

Thursday, May 04, 2017 - 04:12 PM (IST)

नई दिल्ली:  एक तरफ भारत के क्रिकेट खिलाड़ी मैच खेलने पर मालामला हो जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ एक ऐसे बधिर क्रिकेट खिलाड़ी के दुखदायी कहानी सामने आई हैं। जिसे भारतीय बधिर क्रिकेट टीम की तरफ से कई अंर्तराष्ट्रीय मैच खेलने के बावजूद भी न तो वितीय मदद मिली, न ही किसी तरह का मुआवजा दिया। 

मनीष जैन भारतीय 'डेफ एंड डंब' क्रिकेट खिलाड़ी हैं। उनकी मां सार्थक जैन ने अपने बेटे के शानदार क्रिकेट प्रदर्शन के साथ अपने घर की दर्दनीय स्थिती के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेरा एक बेटा और दो बेटियां हैं। यह सभी डेफ एंड डंब हैं। मेरा पति अपंग हैं और उन्हें ब्रेन हेमरेज हो चुका है। 

सार्थक जैन ने बताया कि उनके बेटे मनीष जैन ने हाल ही में तेंलगाना राज्य क्रिकेट एशिसोशन और डॉफ द्वारा आयोजित 3 एशिया 'डेफ एंड डंब' क्रिकेट कप 2017 में शानदार प्रदर्शन किया। इसका आयोजन आल इंडिया 'डेफ एंड डंब' नई दिल्ली द्वारा किया गया था, जो एशिया डेफ एंड डंप क्रिकेट काउंसल लाहौर (पाकिस्तान) और इंटरनैशन क्रिकेट काउंसल दुंबई की तरफ से 14 से 19 मार्च तक हैदराबाद के जिम खाना ग्राउड में खेला गाया था। जैन ने आईसीसी एकैदमी मुंबई द्वारा 9 से 14 मार्च 2016 को आयोजित अर्तराष्ट्रीय क्रिकेट कान्सैल की चैम्पियनशिप हिस्सा लिया था। 

मनीष की माता ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को टूर्नामैंट में भेजने के लिए काफी खर्च उठाना पड़ा। भारत के लिए एशिया कप जीताने में मनीष की अहम भूमिका थी, मगर उसे किसी से भी कई आर्थिक सहायता नहीं मिली। जब कि बीसीसीआई और आईसीसी की तरफ से खेलने वाले क्रिकंट खिलाड़िय़ों को लाखों रुपए पुरस्कार  दिए जाते हैं।

हरियाणा क्रिकेट एशिया के सचिव ने कहा कि एशिया कप में भारत की जीत में हरियाणा के खिलाडियों विशेष कर मनीष जैन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सार्थक जैन ने कहा कि हमने जैन की आर्थिक सहायता के लिए कई भिन्न उच्च अधियाकारों से सम्पर्क किया। किन्तु किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। बच्चे की खेल के लिए हमें सारा खर्च उठाना पड़ता है। राज्य सरकार और भारत सरकार और अन्य क्रिकेट सस्थाओं से अनुरोध हैं कि अगर क्रिकेट खिलाड़ियों को खेलने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए मिलते हैं , लेकिन बधित खिलाड़ियों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जाता है। ब्लकि एशिया को एसे खिलाड़ियों की मदद के लिए प्रेरित करना चाहिए। 

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