नतीजे से खुश नहीं, लेकिन खिलाडिय़ों का प्रदर्शन प्रशंसनीय : माटोस

Saturday, Oct 07, 2017 - 01:03 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय अंडर-17 टीम के कोच लुई नोर्टन डि माटोस विश्व कप के ग्रुप चरण के शुरूआती मुकाबले में अमेरिका से मिली 0-3 की हार से खुश नहीं हैं लेकिन उन्होंने जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में खिलाडिय़ों के प्रदर्शन की प्रशंसा की जो विपक्षी टीम की तुलना में अनुभवहीन थे।  

भारत पहली बार किसी विश्व कप में भाग ले रहा है, जिसके खिलाडिय़ों ने बीच बीच में शानदार खेल दिखाया लेकिन अनुभव के मामले में टीम काफी पीछे दिखी।  माटोस ने कहा, ‘‘मैं टीम के खिलाडिय़ों के एकजुट प्रयास से खुश हूं लेकिन नतीजे से खुश नहीं हूं। जैसा कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि हमारी और अमेरिकी टीम में काफी अंतर है, वे काफी अनुभवी हैं और यहां आने से पहले तैयारियों के लिये पिछले दो महीनों में करीब सात-आठ अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके थे जबकि हमारे खिलाडिय़ों को ऐसा कोई अनुभव नहीं है। ’’  

उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर वे इसी तरह खेलते रहे तो भविष्य में बेहतरीन टीमों को टक्कर दे सकते हैं। कोच ने कहा, ‘‘खिलाडिय़ों को अगर अनुभव मिल जाये तो वे किसी टीम के सामने चुनौती पेश कर सकते हैं। माटोस ने कहा, ‘‘खिलाडिय़ों को इस तरह के टूर्नामेंट खेलने का मौका नहीं मिलता, वे पहली बार इतने बड़े स्तर का मैच खेल रहे हैं। वे कभी भी 40,000 दर्शकों की क्षमता के स्टेडियम में नहीं खेले और अब खेले तो इतनी मजबूत अमेरिकी टीम से। टीम ने पहला गोल 31वें मिनट में पेनल्टी में गंवा दिया था, कोच ने कहा, ‘‘हमने पहले हाफ में गोल गंवाया जिससे बचा जा सकता था। हमें गोल करने का मौका मिला था, अगर हम वो गोल कर देते तो शायद स्कोर लाइन 1-2 हो सकती थी और अमेरिकी टीम अंतिम 10 मिनट में इतनी आक्रामक न होकर डिफेंसिव होती।’’  

कोच ने कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ी शुरू में थोड़े झिझक रहे थे। लेकिन दूसरे हाफ में वे काफी आत्मविश्वास से भरे थे। लेकिन विश्व कप में खेलने का अनुभव उन्हें भविष्य में मदद करेगा।  वहीं अमेरिका के कोच जान हैकवर्थ अपनी टीम के प्रदर्शन से खुश नहीं थे लेकिन उन्होंने भारतीयों के जज्बे की प्रशंसा की।   उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रदर्शन से खुश हूं लेकिन हम ऐसा नहीं खेलते। भारतीय खिलाडिय़ों ने कड़ी चुनौती पेश की। उन्होंने हमें मौका नहीं दिया इसलिये इसका पूरा श्रेय उन्हें जाता है।’’  यह पूछने पर कि किस भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें प्रभावित किया तो उन्होंने कहा ‘सेंट्रल डिफेंडर’ अनवर अली और संजीव स्टालिन काफी अच्छे थे लेकिन गोलकीपर धीरज मोईरांगथेम शानदार थे जिन्होंने हमारे काफी प्रयासों को विफल किया और हमारे गोल रोके।   
 

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