तीसरे टेस्ट में खेलने का मौका, कड़ी मेहनत का इनाम होगा : कुलदीप

punjabkesari.in Wednesday, Aug 09, 2017 - 06:48 PM (IST)

कोलंबोः चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को उम्मीद है कि अपनी कड़ी मेहनत के दम पर वह श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में अंतिम एकादश में जगह बनाने में सफल रहेंगे क्योंकि उनकी इस एक स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा अक्षर पटेल के साथ है जिन्हें निलंबित रविंद्र जडेजा की जगह टीम में लिया गया है। अक्षर को भले ही श्रीलंका में टीम से जुडऩे के लिये बुलाया गया है लेकिन माना जा रहा है कि अब तक प्रभावशाली प्रदर्शन करने वाले कुलदीप अंतिम एकादश में जगह बनाने में सफल रहेंगे। वह शुरू से ही तीसरे स्पिनर के रूप में टीम के साथ बने हुए हैं। कुलदीप ने कहा, ‘‘बेशक मैं काफी उत्साहित हूं। मैं अपने पदार्पण टेस्ट मैच को लेकर भी उत्साहित था। इसलिए अगर मुझे श्रीलंका में खेलने का मौका मिलता है तो मुझे बहुत खुशी होगी क्योंकि यह मेरी कड़ी मेहनत का फल होगा। उत्साहित होने के साथ ही मैं नर्वस भी हूं क्योंकि मैं अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। ’’  

शास्त्री बढ़ा रहे हैं मनोबल
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि मैं (खेल पाऊंगा या नहीं) क्योंकि मैच शुरू होने में अभी तीन दिन बचे हैं। लेकिन मैं जब से यहां आया हूं तब से रवि शास्त्री सर मेरा मनोबल बढ़ा रहे हैं। मैं लगातार नेट्स पर अभ्यास कर रहा हूं और यहां तक कि पहले टेस्ट मैच के पूर्व से वह नेट्स पर मुझसे बात करते रहे हैं। यह अच्छा अनुभव है।   अगर कुलदीप अंतिम एकादश में जगह बनाते हैं तो यह उनका दूसरा टेस्ट मैच होगा। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में पदार्पण किया था। कुलदीप ने पहली पारी में 68 रन देकर चार विकेट लिये और उन्होंने भारत को श्रृंखला में 2-1 से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी। इसके बाद उन्हें अपनी बारी के लिए इंतजार करना पड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘जब आपके नंबर एक और नंबर दो स्पिनर (अश्विन और जडेजा) खेल रहे हों तो आपको इंतजार करना पड़ता है। आप आसानी से टीम में जगह नहीं बनाते और आपको इंतजार करना पड़ता है। यही क्रिकेट का नियम है। ’’  

मेरे खेल के बारे में अरूण जानते हैं 
कुलदीप ने कहा, ‘‘मैं उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताने की कोशिश करता हूं और उनसे बात करता हूं जिससे मुझे काफी मदद मिलती है। मैंने उनसे विशेषकर टेस्ट मैच खेलते हुए काफी कुछ सीखा है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भरत अरूण के साथ भी पिछले दस वर्षों से काम कर रहा हूं जब मैं अंडर - 16 और फिर अंडर - 19 में खेला करता था। मैं उनसे काफी बातें साझा करता हूं और वह मेरे साथ गेंदबाजी को लेकर काफी बातें करते हैं। वह जूनियर क्रिकेट से ही मेरे खेल के बारे में जानते हैं और वह समझते हैं कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं। ’’  जब से इस 22 वर्षीय खिलाड़ी को तीसरे स्पिनर के रूप में टीम में रखा गया तब से उनकी जिंदगी ही बदल गयी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिये सबसे महत्वपूर्ण चीज अपना पदार्पण टेस्ट खेलना था। उससे बड़ा क्षण कुछ नहीं हो सकता। मैं तब भी बहुत नर्वस था। काफी दबाव में था और मैं रात को सो नहीं पाया था। जब आपका सपना पूरा होने के करीब रहता है तो आप थोड़ा बैचेन हो जाते हो और टेस्ट क्रिकेट खेलना मेरा सपना था। ’’  


 


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