15 साल बाद जूनियर हॉकी विश्व कप जीतने उतरेगा भारत

Saturday, Dec 17, 2016 - 09:37 AM (IST)

लखनऊ: जीत के अश्वमेधी रथ पर सवार भारतीय टीम पंद्रह साल बाद जूनियर विश्व कप हॉकी फाइनल में कल बेल्जियम के खिलाफ उतरेगी तो खिलाड़ी अपनी आक्रामकता और जुझारूपन को बरकरार रखते हुए देशवासियों को अर्से बाद हाकी के मैदान पर खिताब तोहफे में देने के इरादे से उतरेंगे। भारत तीसरी बार जूनियर विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है। इससे पहले 2001 में आस्ट्रेलिया के होबर्ट में भारतीय टीम ने अर्जेंटीना को 6.1 से हराकर एकमात्र जूनियर विश्व कप जीता था। 

वहीं 1997 में इंग्लैंड में हुए टूर्नामेंट के फाइनल में आस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था। भारत 11 साल पहले रोटरडम में कांस्य पदक के मुकाबले में स्पेन से पेनल्टी शूटआउट में हार गया था और उस समय भी टीम के कोच हरेंद्र सिंह ही थे। ववही हरेंद्र अब 11 साल बाद उस हार के नासूर पर खिताब का मरहम लगाने को बेताब हैं। उनका मानना है कि मानसिक दृढ़ता और जीत की भूख इस बार इन खिलाडिय़ों को खाली हाथ नहीं लौटने देगी जो कल अपने कैरियर का सबसे बड़ा मैच खेलेंगे। 

हरेंद्र ने कहा ,च्च् हमने अतीत में कई गलतियां की है लेकिन एफआईएच के कोचिंग कोर्स से मैने बहुत कुछ सीखा और इन खिलाडिय़ों पर उसे लागू किया। शारीरिक फिटनेस , दबाव के आगे घुटने नहीं टेकना और मानसिक दृढ़ता यह इस टीम की खासियत है और मुझे नहीं लगता कि अब इसे खिताब जीतने से कोई रोक सकता है। उन्होंने कहा ,च्च् मंै 2005 में रोटरडम में मिली हार को भूला नहीं हूं। वह हार आज तक मुझे कचोटती है लेकिन मैं टीम से इस बारे में बात नहीं करता । मैने खिलाडिय़ों से सिर्फ इतना कहा कि हमें पदक जीतना है और रंग कौन सा होगा, यह आप तय करो ।ज्ज् 

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