मुझे द्रोणाचार्य पुरस्कार से वंचित करना गलत: सत्यनारायण

Saturday, Aug 19, 2017 - 05:42 PM (IST)

नई दिल्ली: पैरा स्पोट्रर्स कोच सत्यनारायण शिमोगा ने आज दावा किया कि सरकार का उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से वंचित करना गलत है क्योंकि दिल्ली की अदालत में लंबित अवमानना के मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर नहीं हुए हैं। रियो पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलू के कोच रहे सत्यनारायण को इस साल द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए चुने गए कोचों की सूची से बाहर कर दिया गया क्योंकि दिल्ली के साकेत में चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में उनके खिलाफ आपराधिक मामला लंबित है। 

पता चला है कि जब सत्यनारायण के नाम की सिफारिश द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए की गई थी तो कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। सत्यनारायण ने बेंगलुरू से फोन पर बताया, ‘‘मुझे द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करके के मौके से वंचित करना गलत है। कुछ लोग मेरी उपलब्धियों से जलते हैं और द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए मेरे नामांकन के खिलाफ उन्होंने गलत आरोप लगाए।’’  उन्होंने कहा, ‘‘मैं मीडिया की इन खबरों को सुनकर हैरान था कि अवमानना के इस मामले के आधार पर मेरे नाम हटा दिया गया।’’ 

सत्यनारायण ने कहा, ‘‘यह मामला किसी की निजी शिकायत से संबंधित है जो उसे भारतीय पैरालंपिक समिति से बाहर किए जाने पर बदला लेना चाहता है। साथ ही यह मामला आरोप तय करने/आरोप पत्र दाखिल करने के चरण पर नहीं पहुंचा है और सिर्फ नोटिस भेजे गए हैं। अगर इस आधार पर मुझे द्रोणाचार्य पुरस्कार से वंचित किया जाता है तो मुझे लगता है कि यह सही नहीं है।’’  

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