चाइनामैन बॉलर कुलदीप से जुड़ी ऐसी बातें, जो शायद आप भी नहीं जानते

punjabkesari.in Saturday, Mar 25, 2017 - 08:53 PM (IST)

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में हुए गावस्कर ट्रॉफी के चौथे मैच में विराट कोहली चोटिल होने के कारण बाहर हो गए और उनकी जगह इंडिया-ए के क्रिकेटर कुलदीप को डेब्यू करने का मौका मिला जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया। टीम के चयन के बाद इनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ उठी और उन्होंने इसकी बेहतरीन गेंदबाजी का राज खोल दिया। 

पिता की मेहनत से बना क्रिकेटर 
कुलदीप का जन्म यूपी के उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव में हुआ। पिता ईंट भट्टी के मालिक थे। कुलदीप खुद की और पिता की मेहनत से इंडियन क्रिकेट के करिश्माई ऑफ स्पिनर हैं। उनके पिता का चकेरी इलाके में छोटे स्तर के व्यवसायी है। जब उन्हें पता चला कि उनके बेटे को अंतिम एकादश में चुना गया है तो वह भावुक हो गए और उन्होंने तुरंत परिवार के सदस्यों को टीवी खोलने को कहा। 

दस साल की उम्र से सीख रहे है क्रिकेट
कुलदीप की सेलेक्शन से आज हमारे परिवार का बरसों का सपना पूरा हो गया।  इसके बाद से ही उनके घर में जश्न का माहौल बन गया। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पदाधिकारी, कुलदीप के कोच और पूर्व खिलाड़ी काफी खुश है। कुलदीप को दस साल की उम्र से क्रिकेट की बारीकियां सिखाने वाले उसके कोच कपिल पांडेय ने कहा कि आज मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया। पिछले 12 साल से मैं जिस बच्चे को ट्रेनिंग दे रहा था आज वह भारत के लिए टैस्ट क्रिकेट खेल रहा है।

पिता ने बताय़ा उनकी गेंदबाजी का राज
कुलदीप की कामयाबी का राज उसकी बायें हाथ की लेग स्पिन यानि चाइनामैन गेंदबाजी है। इसमें गेंद तो वह बाएं हाथ से कराता है लेकिन बल्लेबाज तक पहुंचने पर वह गेंद आफ स्पिन की तरह अंदर की तरफ (दाए हाथ के बल्लेबाज के लिए) आती है। इससे बल्लेबाज चकमा खा जाता है और वह अपना विकेट गंवा बैठता है। कुलदीप को इस अनोखी गेंदबाजी के कारण काफी कामयाबी मिलेगी। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के निदेशक एस के अग्रवाल ने कहा कि आज यूपीसीए के लिए काफी खुशी का दिन है कि आज उसका एक और खिलाड़ी भारतीय टीम में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर रहा है। पूरे यूपीसीए की तरफ से कुलदीप यादव को बधाई और हम भविष्य में कुलदीप को सम्मानित भी करेंगे।


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