On This Day: पाकिस्तान की बेईमानी से तंग आकर भारतीय बल्लेबाजों ने बीच में छोड़ा था मैच

punjabkesari.in Friday, Nov 03, 2017 - 12:20 PM (IST)

नई दिल्लीः क्रिकेट एक जेंटलमैन गेम है, लेकिन कई बार मैदान में कुछ खिलाड़ियों की गलत हरकतों के कारण इसे बदनाम भी होना पड़ा। इसका एक उदाहरण आज ही के दिन(3 अक्तूबर) को देखने मिला, जब पाकिस्तान की बेईमानी से तंग आकर भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज भी मैच बीच में छोड़कर वापस लाैटे आए। 

आखिर क्यों छोड़ा भारत ने बीच में मैच?
3 नवंबर 1978 को भारतीय टीम 3 वनडे मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तान गया। सीरीज का आखिरी मुकाबला शाहीवाल के जफर अली स्टेडियम में खेला गया। दोनों टीमों के लिए यह मैच करो या मरो की स्थिति में था, क्योंकि जो टीम यह मुकाबला जीतेगी उसी के हाथों सीरीज का खिताब होगा। अंपायरिंग की जिम्मेदारी जावेद अख्तर और खिजर हयात पर थी। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी आैर भारत ने उन्हें 205/7 के स्कोर पर रोक दिया था। जवाब में भारत ने चेतन चौहान और अंशुमन गायवाड़ की ओपनर जोड़ी के रुप में अच्छी शुरुआत की आैर जीत के करीब पहुंचा। 

चौहान 23 रन बनाकर आउट हो गए।उनका विकेट गिरने के बाद उतरे सुरेंद्र अमरनाथ (62 रन) ने गायकवाड़ के साथ स्कोर को 163 तक पहुंचा दिया। टीम जीत के करीब थी। गायकवाड़ के साथ गुंडप्पा विश्वनाथ क्रीज पर थे। 38वां ओवर शुरू हुआ और जीत के लिए भारत को महज 23 रनों की जरूरत थी। पाकिस्तान के कप्तान मुश्ताक मोहम्मद परेशान थे। सरफराज नवाज गेंदबाजी करने आए और इसके बाद जो भी हुआ , उससे क्रिकेट बदनाम हो गया।

फेंकी लगातार बाउंसर
सरफराज नवाज ने उस ओवर में लगातार चार बाउंसर फेंक दी, लेकिन अंपायर ने उनमें से एक को भी वाइड नहीं दिया। इसके बाद सरफराज ने फिर बड़ बाउंस फेंके जिन्हें वाइट नहीं दिया गया। अंपायर के गलत फैसले से बल्लेबाज विश्वनाथ परेशान हो गए आैर उन्होंने खेलने से मना कर दिया, क्योंकि वह समझ गए थे कि पाकिस्तान बेईमानी करने पर उतर आया है। गुस्से से भारतीय टीम के कप्तान कप्तान बेदी ने भी बल्लेबाजों को वापस बुला लिया आैर मैच खेलने से मना कर दिया। इसके बाद अंपायर के फैसले के बाद पाकिस्तान को विजय घोषित कर दिया गया आैर भारत  2-1 से सीरीज हार गया।
 


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