विकेटकीपिंग की चुनौतियों का लुत्फ उठाता हूंः साहा

Monday, Aug 07, 2017 - 06:03 PM (IST)

कोलंबो: स्पिन और उछाल भरी पिचों पर विकेटकीपिंग चुनौतीपूर्ण होती है लेकिन जब रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की स्टार स्पिन जोड़ी ऐसी पिचों पर गेंदबाजी करती है तो रिद्धिमान साहा विकेटकीपिंग का अधिक लुत्फ उठाते हैं। अश्विन और जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में स्पिन के अनुकूल हालात का फायदा उठाते हुए पारी और 53 रन से जीत दर्ज की। साहा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे अश्विन और जडेजा के खिलाफ ऐसी पिचों पर विकेटकीपिंग में मजा आता है।

विकेट पर अधिक उछाल था
अगर काफी गेंदें विकेटकीपर के पास आती हैं तो यह अच्छा है, अन्यथा हमारे पास पूरे दिन में सिर्फ 10 से 12 गेंद आती हैं। अगर आपके पास अधिक गेंद आती हैं तो आप हमेशा अधिक एकाग्र रहते हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको उछाल से सामंजस्य बैठाना है तो आपको थोड़ा पहले खड़ा होना होगा ओर यह अच्छा रहा। यह सामान्य सी बात है। मैं बचपन से यह देख और सीख रहा हूं कि गेंद के उछाल के साथ आपको उठना होगा। लेकिन इस विकेट पर अधिक उछाल था इसलिए मैं थोड़ा बदलाव करते हुए कुछ जल्दी उठ रहा था।’’

दो बेहतरीन कैच लपके
साहा ने दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में दो बेहतरीन कैच लपकते हुए कुसाल मेंडिस और एंजेलो मैथ्यूज की पारी का अंत किया। उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले जब गेंद से मेंडिस के बल्ले का अंदरूनी किनारा लिया तो मुझे लगा कि वह बोल्ड हो जाएगा लेकिन गेंद पैड से टकराने के बाद हवा में उछल गई। गति कम थी इसलिए मुझे गेंद तक पहुंचने का अधिक समय मिला और मैं कूद मारकर कैच लपक पाया।’’

मुश्किल विकेट पर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा
साहा ने कहा, ‘‘यह अच्छा विकेट था। इससे मुश्किल विकेट पर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। मैथ्यूज का कैच अपने आप हाथ में आ गया। मैं भाग्यशाली था। यह अजिंक्य रहाणे के ऊपर से निकल सकता था लेकिन मैं भाग्यशाली रहा कि यह हाथ में आ गया।’’  अपने शीर्ष कैचों के बारे में बताते हुए साहा ने कहा, ‘‘पुणे में स्टीव कोकीफी (2015), बेंगलुरू में एबी डिविलियर्स (2015) और बेंगलुरू में मैथ्यू वेड (2017), मुझे लगता है कि ये टेस्ट क्रिकेट में मेरे सर्वश्रेष्ठ कैच हैं।’’ 

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