हॉकी खिलाड़यिों को ट्रेन के फर्श पर बैठ करनी पड़ी यात्रा

Monday, Aug 29, 2016 - 04:03 PM (IST)

नई दिल्ली: खेलों के इस जुनूनी देश में खिलाड़यिों की सफलता पर जहां उन्हें सिर माथे बिठा लिया जाता हैै वहीं नाकामी होने पर उन्हें अर्श से ‘फर्श’ पर लाने में भी देर नहीं होती। 36 वर्षों बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली महिला हॉकी टीम की कुछ खिलाड़यिों को भी कुछ ऐसे ही अनुभव से गुजरना पड़ा जब रियो ओलंपिक की असफलता के बाद उन्हें अपनी पहचान के लिए जूझना पड़ा और घर लौटते समय ट्रेन के फर्श पर बैठकर यात्रा करनी पड़ी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रियो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली चार महिला हॉकी खिलाड़ी नमिता टोप्पो ,दीप ग्रेस इक्का, लिलिमा मिंज तथा सुनीता लाकड़ा जब घर लौटते समय रांची से राउरकेला जा रही धनबाद-एल्लेपे एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थीं तब उन्हें बैठने के लिए एक भी सीट नसीब नहीं हुई। उन्हें टीटी से आग्रह करने के बावजूद ट्रेन की फर्श पर बैठकर यात्रा करनी पड़ी।

सुनीता ने कहा, ‘‘हमनें टिकट चेकर से अपनी पहचान भी बताई और उनसे आग्रह किया कि हम सभी पिछले कई दिनों के सफर से थकी हुई हैं और हो सके तो एक-दो सीटें बैठने के लिए उपलब्ध करा दें। टीसी ने सीट देने में असमर्थता जता दी और हमें फर्श में बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि बाद में कुछ यात्रियों ने अपनी सीटों में ही बैठने की जगह दे दी। हमें वाकई अफसोस है कि देश का प्रतिनिधित्व करने वाली खिलाड़यिों के साथ कैसे ऐसा उपेक्षापूर्ण बर्ताव किया जा सकता है।’’

मीडिया में इस खबर के सुर्खियां बनने के बाद से रेलवे अधिकारियों ने मामले पर सफाई दी है और कहा है कि खिलाड़यिों को पहले पेनट्री कार में जगह दी गई थी जिसके बाद उन्हें थर्ड एसी में सीटें उपलब्ध कराई गई थीं। हालांकि खिलाड़यिों ने इस मामले पर अलग ही जानकारी दी है।

 

Advertising