15 साल बाद जूनियर हाकी विश्व कप जीतने पर भारत की नजरें

Wednesday, Dec 07, 2016 - 01:57 PM (IST)

लखनउ: अपनी सरजमीं पर खेल रही भारतीय हाकी टीम कल कनाडा के खिलाफ 11वें एफआईएच जूनियर विश्व कप में अपने अभियान का आगाज करेगी तो उसका इरादा पंद्रह साल से खिताब नहीं जीत पाने का कलंक धोने का होगा। भारत ने एकमात्र जूनियर विश्व कप 2001 में आस्ट्रेलिया के होबर्ट में जीता था। उस टीम में गगन अजीत सिंह, दीपक ठाकुर, जुगराज सिंह, प्रभजोत सिंह जैसे धुरंधर खिलाड़ी थे जिन्होंने सीनियर टीम के साथ भी उम्दा प्रदर्शन किया ।  

जर्मनी के कोच वालेंटिन एल्टेनबर्ग पहले भी भारत को खिताब के प्रबल दावेदारों में बता चुके हैं । भारत दूसरी बार जूनियर हाकी विश्व कप की मेजबानी कर रहा है और लगातार दूसरी बार यह टूर्नामैंट भारत में हो रहा है।  जर्मनी ने 2013 में नई दिल्ली में यह खिताब जीता था जब उसने फाइनल में फ्रांस को 5 . 2 से मात दी थी।  इस बार 16 टीमों को 4-4 के 4समूहों में बांटा गया है। 

भारत पूल डी में कनाडा,इंगलैंड और दक्षिण अफ्रीका के साथ है। भारतीय टीम अगर ग्रुप चरण में शीर्ष दो में रहती है तो पूल सी की शीर्ष दो टीमों में से एक से भिडऩा होगा। पूल सी में जर्मनी, न्यूजीलैंड और स्पेन जैसी टीमें हैं। भारत 1997 में जूनियर विश्व कप में उपविजेता रहा था। इस बार भारतीय टीम में कप्तान हरजीत सिंह, स्ट्राइकर मनदीप सिंह, ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह और गोलकीपर विकास दहिया जैसे दमदार खिलाड़ी हैं।  

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