खेलों में हरियाणा दे रहा है पंजाब को टक्कर

Friday, Nov 04, 2016 - 12:36 PM (IST)

नई दिल्ली : खेलों के मामले में पंजाब के पास एक सुनहरा अतीत है। एक समय था जब एशियन खेलों और ओलिंपिक में पंजाब के खिलाड़ियों का बोलबाला था और भारत का प्रतिनिधित्व पंजाब के खिलाड़ी ही किया करते था, लेकिन अब पंजाब का ग्राफ लगातार नीचे की ओर गिरता जा रहा हैं, हरियाणा इस मामले में आगे बढ़ रहा हैं। भारत के लिए सर्वाधिक राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मेडल जीतने वाला राज्य हरियाणा रहा है। इसके पीछे असल वजह हरियाणा सरकार की पॉलिसी है। 

हरियाणा सरकार की कई नई पॉलिसी की वजह से इस राज्य को खेलों में अव्वल दर्जा दिलाया है। हरियाणा सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ियों को अच्छी नौकरियां और देश के लिए मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को पैसे भी देते हैं। इसी वजह से भी हरियाणा राज्य में से सबसे ज्यादा खिलाड़ी उभर कर सामने आते हैं। ये हैं हरियाणा के स्टार खिलाड़ी जिन्होंने किया देश का नाम रोशन-

योगेश्वर दत्त
इन्होंने 2012 लंदन ओलिंपिक में कास्य पदक हासिल कर भारत का नाम रोशन किया और तो और इन्होंने 2014 में एशियन खेलों में, 2012 में एशियन कुश्ती चैम्पियशिप में, 2010 और 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों में, 2007,2005, 2003 में राष्ट्रेमंडल कुश्ती चैम्पिनशिप में स्वर्ण हासिल किया। 2007 व 2005 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैमिपनशिप में रजत पदक हासिल किया। 2006 में गोहा एशिय़न खेलों में कॉस्ट पदक हासिल किया। 

अभिनव बिंद्रा 
बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक खेलों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया था । 

साक्षी मलिक 
साक्षी मलिक ने रियो ओलिंपिक 2016 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा है और इससे पहले भी साक्षी ने 2014 में ग्लारगो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और 2015 दोहा एशियन चैम्पियनशिप में कास्य पदक जीता था।  

विनेश फोगट
विनेश फोगट ने रियो ओलिंपिक 2016 में भी हिस्सा लिया चाहे इस बार कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई लेकिन इन्होंने 2014 में ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। विरोधी खिलाड़ियों को पछाड़ने में माहिर विनेश 2015 दोहा एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता है।  

बबीता कुमार 
बबीता का नाम 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक है, वहीं 2009 और 2011 राष्ट्रमंडल कुश्ती चैमिपयनशिप में भी वह सोना जीत चुकी हैं। 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने रजत पदक जीता था। 

इन्हें पदक जीतने के बाद सरकार की तरह से नौकरियां और धनराशि दी जाती है और पंजाब सरकार खिलाड़ियों से कई पुरस्कार देने के लिए वादा करता है लेकिन उन्हें पूरा नहीं करता। जैसे कि एक पंजाब के पूर्व गोला फेंक खिलाड़ी प्रवीण कुमार ने कहा था कि पंजाब प्रशासन ने खेल के साथ खिलाड़ियों को भी नज़रअदाज़ किया है. मैं एशिया का गोल्ड मेडलिस्ट हूं लेकिन खिलाड़ियों को मिलने वाली पेंशन मुझे नहीं मिलती।  ऐसे में आगे खेलने वाले खिलाड़ियों को क्या संदेश मिलेगा। 
 

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