बचपन से ही लड़कों के साथ खेलकर सीखा छक्के जड़नाः हरमनप्रीत

Wednesday, Jul 26, 2017 - 05:38 PM (IST)

मुंबईः हरमनप्रीत में आक्रामकता नैसर्गिक रूप से है और उन्होंने छक्के जडऩे की अपनी क्षमता का श्रेय अपने करियर के शुरआती दिनों में पुरषों के साथ खेलने को दिया। हरमनप्रीत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ महिला विश्व कप सेमीफाइनल में 171 रन की पारी खेली और कई लोगों ने उनकी तुलना महान बल्लेबाज कपिल देव से की। इस स्टार बल्लेबाज की यह पारी हालांकि उनके सामान्य अंदाज से अलग नहीं थी क्योंकि बचपन से ही उन्हें आक्रामक बल्लेबाजी करना पसंद है।  

हरमनप्रीत ने कहा कि मुझे बचपन से ही इस तरह बल्लेबाजी करना पसंद है। मैंने इस तरह खेलना सीखा है और लड़कों के साथ क्रिकेट खेला है जो छक्के मारा करते थे और मुझे भी छक्के जडऩा पसंद है। उन्होंने कहा कि फाइनल में (जिसमें भारत इंग्लैंड से हार गया), हमें रनों की जरूरत थी और मैं रन बनाने की कोशिश कर रही थी, मैंने यह सोचकर शाट खेला कि यह सुरक्षित होगा लेकिन यह क्षेत्ररक्षक के हाथों में चला गया। मैं काफी निराश थी।

लीग चरण में हरमनप्रीत का बल्ला खामोश ही रहा था और उनसे टीम को नाकआउट में बड़ी पारी की उम्मीद थी जो उन्होंने सेमीफाइनल में खेली। उन्होंने कहा कि मैंने घरेलू क्रिकेट में इस तरह की पारियां खेली हैं। मुझे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिला लेकिन मैंने कभी बड़ा स्कोर नहीं बनाया। इस मैच का प्रसारण हुआ और लोगों ने इसे देखा, हमारे अंदर उस मैच को जीतने की भूख थी और मैं खुश थी कि मैंने उस समय वह पारी खेली जब टीम को जरूरत थी और टीम जीती।

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