शानदार बल्लेबाजी करने के बाद पांड्या ने कहा-छक्के तो मैं बचपन से मारता आया हूं

Monday, Sep 25, 2017 - 01:50 PM (IST)

इंदौर: भारतीय आलराउंडर और लंबे शाट खेलने की अपनी विशिष्ट क्षमता के कारण तेजी से एक खास पहचान बना रहे हार्दिक पांड्या ने खुलासा किया कि छक्के जडऩा उनके बचपन का शगल रहा है और वह मैदान से बाहर गेंद मारने के लिए हमेशा आश्वस्त रहते हैं।  पांड्या की 72 गेंदों पर चार छक्कों की मदद से खेली गई 78 रन की पारी के दम पर भारत ने रात यहां तीसरे वनडे में आस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर 5 मैचों की श्रृंखला में 3-0 की अजेय बढ़त बनाई।

पंड्या ने कहा-बचपन से ही छक्के लगाता रहा हूं
इस साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 4 अवसरों पर छक्कों की हैट्रिक लगाने वाले पांड्या ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छक्के तो मैं पहले भी मारता रहा हूं। अब अंतर केवल इतना है कि मैं उच्चस्तर की क्रिकेट में छक्के लगा रहा हूं। असल में मैं बचपन से ही छक्के लगाता रहा हूं। आपको लगता है कि पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच से मेरा खेल बदला, आप ऐसा मानते हैं तो मुझे कोई दिक्कत नहीं।

'IPL में भी मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा था'
अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की 28 पारियों में 40 छक्के लगाने वाले पांड्या से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान के खिलाफ ओवल में खेली गई 76 रन की पारी से उनके करियर में बदलाव आया है।  उन्होंने कहा कि इससे पहले आईपीएल में भी मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा था। उससे पहले के सत्र में मैं अच्छा नहीं खेल पाया था लेकिन मैंने कड़ी मेहनत की जिसके दम पर मैं वापसी कर पाया। मैं हमेशा खुद को प्रेरित करता हूं। यह बेहद महत्वपूर्ण होता है। क्रिकेट में आत्मविश्वास हमेशा मायने रखता है और मुझे खुद पर विश्वास है कि मैं गेंद को मैदान के बाहर मार सकता हूं। 

'लंबे शॉट खेलना उनका गुण है'
पांड्या ने इस साल पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियन्स ट्राफी के 2 मैचों में इमाद वसीम और शादाब खान तथा श्रीलंका के खिलाफ कैंडी टेस्ट मैच में मालिंदा पुष्पकुमार की लगातार 3 गेंदों पर छक्के लगाए थे। आस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान श्रृंखला के चेन्नई में खेले गए मैच में उन्होंने लेग स्पिनर एडम जंपा के खिलाफ भी यह कारनामा किया था।  इस आलराउंडर से जब पूछा गया तो क्या फिर लंबे शॉट खेलना उनका नैर्सिगक गुण है, उन्होंने कहा कि यह केवल हिटिंग से नहीं जुड़ा है। खेल को समझना महत्वपूर्ण होता है। उस समय मुझे लगा कि जंपा गेंदबाजी कर रहा है और मैं जानता था कि मैं उस पर किसी भी समय छक्का जड़ सकता हूं। इसलिए मैंने 7वें ओवर तक इंतजार किया और उस एक ओवर ने उस मैच के समीकरण बदल दिए थे।  उन्होंने कहा कि यह सकारात्मक सोच और खुद पर भरोसे से जुड़ा है। अगर मुझे लगता है कि छक्के लगाना चाहिए तो मैं खेल का आकलन करता हूं और फिर लंबे शाट खेलता हूं। 

Advertising