धोनी की इस खास सीख की वजह से पंड्या ने खेली शानदार बल्लेबाजी

Monday, Aug 14, 2017 - 10:19 AM (IST)

पल्लेकेल: महान कपिल देव से तुलना करने से आह्लादित आलराउंडर हार्दिक पंड्या ने आज कहा कि अगर वह पूर्व विश्व कप विजेता कप्तान जैसा दस प्रतिशत भी बन पाते हैं तो उन्हें बड़ी खुशी होगी।  चयनसमिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने कहा था कि हाॢदक पंड्या अगर अपने खेल पर ध्यान बनाए रखते हैं तो उनमें कपिल देव के जैसा बनने की क्षमता है।   

पंड्या ने कहा- मेरा क्रिकेट पर पूरा ध्यान हैं 
पंड्या ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि निश्चित तौर पर मेरा ध्यान अपनी क्रिकेट पर है और मैं जो बन सकता हूं वही बनना चाहता हूं। जैसा कपिल देव था अगर मैं दस प्रतिशत भी वैसा बन पाया तो मुझे बहुत खुशी होगी। पंड्या ने नाबाद 108 रन बनाए जो उनका पहला टेस्ट शतक है। भारत ने इससे पहली पारी में 487 रन बनाए और फिर श्रीलंका को 135 रन पर आउट करके उसे फालोआन के लिए मजबूर किया। इस आलराउंडर ने कहा कि आज बल्लेबाजी करते समय वह पूरी तरह से अलग मूड में थे।   

धोनी से ली ये खास सीख 
उन्होंने कहा कि अपनी जिंदगी में पहली बार मैं 90 रन के बाद दबाव में नहीं था। मैं अपने पिछले शतकों को याद नहीं करता लेकिन मुझे याद है कि शतक के करीब पहुंचने पर मैं अजीब स्थिति में आ जाता था। आज बल्लेबाजी करते समय मैं अलग तरह के मूड में था।  पंड्या ने कहा कि जब मैं बल्लेबाजी करता हूं तो अपने निजी स्कोर और उपलब्धियों के बारे में नहीं सोचता। इससे मुझे काफी मदद मिलती है। मैंने माही भाई (महेंद्र सिंह धोनी) से एक चीज सीखी है कि हमेशा अपनी टीम को ऊपर रखो, स्कोरबोर्ड देखो और उसके अनुसार खेलो। इससे मुझे काफी मदद मिली। 

ऐसी पारी नहीं सोचा था: पंड्या
पंड्या ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह मालिंदा पुष्पकुमार के एक ओवर में 26 रन बनाएंगे।  उन्होंने कहा कि यह अचानक ही हो गया। मैं तब हर गेंद पर शाट मारने के मूड में नहीं था लेकिन मैं नहीं जानता कि क्या हुआ। हो सकता है कि तब मेरे बल्ले पर गेंद अच्छी तरह से आ रही थी। इसलिए मैंने सोचा कि कोशिश की जाए और मैंने 26 रन बना दिए। इससे निश्चित तौर पर मुझे खुशी हुई। पंड्या ने कहा कि वहां से मैंने स्कोरबोर्ड देखा और मैं 80 के आसपास बल्लेबाजी कर रहा था। तब मुझे लगा कि मैं पूरी लय में हूं। अमूमन मैं स्कोरबोर्ड नहीं देखता। मैं नहीं जानना चाहता कि मेरे इर्द गिर्द क्या हो रहा है। मैं केवल इस पर ध्यान देना चाहता हूं कि पारी को आगे बढ़ाने में मैं कैसे मदद कर सकता हूं। 

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