सड़क पर संतरे बेचने को मजबूर है गोल्ड मेडल जीतने वाली ये खिलाड़ी

punjabkesari.in Wednesday, Feb 15, 2017 - 11:43 AM (IST)

नई दिल्ली: अक्सर खिलाड़ी देश का नाम रोशन करने के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं, जिसके बदले में देश को भी उनके प्रोत्साहन को बढ़ाने के लिए उन्हें कई सुविधाएं देने चाहिए। बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद भी खिलाड़ियों की स्थिती बहुत ही खराब हैं। हाल ही में असम में ऐसा ही एक ताजा मामला देखने को मिला है। 

दरअसल, तीरंदाजी में राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीत चुकी खिलाड़ी बुली बासुमैत्री अब हाइवे किनारे संतरे बेचने को मजबूर हैं। वह पिछले 3 साल से चिरांग हाइवे पर संतरे बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। बासुमैत्री ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते हैं। इसके आधार पर उन्होंने असम पुलिस में नौकरी के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन आज तक उन्हें पुलिस महकमे में नौकरी नहीं मिल पाई। 

2010 में किसी शारीरिक समस्या के कारण बासुमैत्री को अपने पसंदीदा खेल तीरंदाजी को अलविदा कहना पड़ा। बासुमैत्री की दो बेटियां भी हैं, जिनकी क्रमश: उम्र 2 और 3 साल की है। भले ही सरकार खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए खिलाड़ियों को नौकरी देने की बात कहती हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं। हालांकि अब राज्य सरकार की ओर से बासुमैत्री को मदद की बात कही जा रही है। 


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