ह्यूज की मौत से खेल जगत को लगा था गहरा सदमा

punjabkesari.in Thursday, Nov 26, 2015 - 09:56 AM (IST)

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के उभरते हुए क्रिकेटर फिलिप ह्यूज को आज भी पूरा खेल जगत याद करता है। इनके साथ हुई घटना को क्रिकेट इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक माना जाता है। जी हां, 27 नवंबर को दो दिन कोमा में रहने के बाद ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी ह्यूज की हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। इनकी मौत से खेल जगत काफी सदमे में रहा। 

इस तरह हुई थी फिलिप की मौत 
25 नवंबर को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर घरेलू मैच के दौरान सिन एबॉट की ये गेंद ह्यूज के सिर में जा लगी। इस बाउंसर के लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिर का ऑपरेशन भी हुआ, लेकिन एक बार अचेत होने के बाद फिर वो होश में नहीं आ पाए थे और उन्होंने अस्पताल में आखिरी सांस ली। इस दुखद खबर से पूरा क्रिकेट जगत गमगीन हो गया था।
 
फिलिप की मौत के बाद कई खेल जगत और खिलाड़ियों में काफी बदवाल आए। 
 
गेंदबाजों के दिलों में डर 
फिलिप की मौत के बाद गेंदबाजों के दिलों में डर बैठ गया है और संन्यास के  अॉस्ट्रेलिया के एक तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन का भी यही कहना है कि  ह्यूज की मौत ने उनकी गेंदबाजी स्टाइल को बदल दिया और वह पहले जैसे आक्रामक नहीं रहे। जॉनसन ने कहा इसके बाद मैंने जब भी बाउंसर फेंकी तो सोचा, क्या मैं सही कर रहा हूं, क्या मैं सही खेल भावना से खेल रहा हूं।
 
फिलिप के दोस्तों को लगा गहरा सदमा, घटा क्रिकेट प्यार
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क और फिलिप दोनों काफी अच्छे दोस्त थे लेकिन फिलिप की मौत के बाद क्लार्क को गहरा सदमा लगा।  हाल ही में आई अपनी किताब में क्लार्क ने कहा है कि ह्यूज की मौत से उनका क्रिकेट के प्रति पहले जैसा लगाव नहीं रहा।
 
टेस्ट क्रिकेट में बदलाव ह्यूज को श्रद्धांजलि 
डे नाइट टेस्ट क्रिकेट के आयोजन से टेस्ट क्रिकेट में क्रांतिकारी बदलाव लाने के अपने कदम के लिए ऑस्ट्रलियाई क्रिकेट बोर्ड ने ह्यूज की बरसी का दिन चुना।
 
खेल जगत ने सुरक्षा बढ़ाने पर दिया जोर  
ह्यूज की मौत के बाद क्रिकेट में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसीलिए हेलमेट निर्माताओं ने हेलमेट डिजाइन में बदलाव किया और हेलमेट के बैक रिम के नीचे एक गार्ड जोड़ा।ताकि ऐसी घटनाएं होने से रोका जाए।

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