इस बॉक्सर खिलाड़ी पर एक साल का बैन कल होगा खत्म

Wednesday, Sep 30, 2015 - 04:41 PM (IST)

नई दिल्ली: एशियाई खेलों में पदक वितरण समारोह के दौरान विरोध जताने के कारण एक साल का प्रतिबंध झेलने वाली पूर्व विश्व चैंपियन एल सरिता देवी ने कहा कि बाहर बैठने से उसे चिंतनशील मुक्केबाज और शांतचित्त इंसान बनने में मदद मिली। सरिता पर लगा प्रतिबंध समाप्त हो जाएगा।  
 
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने सरिता पर एशियाई खेलों के विवादास्पद सेमीफाइनल में हारने के बाद कांस्य पदक लेने से इन्कार करने के कारण एक साल का प्रतिबंध लगा दिया था। सरिता पोडियम पर लगातार रो रही थी और उन्होंने यहां तक कि कांसे का अपना तमगा रजत पदक विजेता दक्षिण कोरियाई पार्क जी ना को सौंप दिया जिससे वह सेमीफाइनल में हारी थी। इस भारतीय ने बाद में खेलों की आयोजन समिति और एबाईबीए से अपनी इस हरकत के लिए बिना शर्त माफी मांगी थी।  
 
सरिता पर एक अक्तूबर 2014 से एक अक्तूबर 2015 तक प्रतिबंध लगाया गया। इसके अलावा उन पर 1000 स्विस फ्रैंक का जुर्माना भी किया गया। एशियाई खेलों के पूर्व स्वर्ण पदक विजेता डिंको सिंह की देखरेख में औरंगाबाद में अभ्यास कर रही सरिता ने कहा कि मुझे लगता है कि अब मैं कई बेहतर मुक्केबाज बन गई हूं। मैं पिछले 15 साल से मुक्केबाजी कर रही थी और अब भी सुधार की बहुत अधिक गुंजाइश है। आप सीखना कभी बंद नहीं करते। अब इस एक साल में मैं अधिक शांतचित्त और चिंतनशील मुक्केबाज बन गई हूं। मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से अब मैं पहले से बेहतर बन गयी हूं। 
 
उन्होंने कहा कि अब मैं पहले की तुलना में अधिक कड़ा अभ्यास कर रही हूं। मुझे काफी अपेक्षाएं पूरी करनी है। अभी मैं पूर्व आेलंपियन और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता डिंको सिंह की निगरानी में अभ्यास कर रही हूं। मेरा पहला लक्ष्य अगले साल विश्व खिताब जीतना और रियो आेलंपिक के लिए क्वालीफाई करके वहां स्वर्ण पदक जीतना है। 
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