समझ गया हूं कि टेस्ट क्रिकेट बच्चों का खेल नहीं है : अश्विन

Tuesday, Sep 01, 2015 - 09:17 PM (IST)

कोलंबो : मैन आफ द सीरीज रविचंद्रन अश्विन ने आज कहा कि उन्होंने पिछले एक साल के दौरान टेस्ट क्रिकेट पर अधिक ध्यान दिया क्योंकि उन्हें यह सच्चाई पता चल गई थी कि लंबी अवधि का प्रारूप ‘बच्चों’ का खेल नहीं है। अश्विन ने श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पिछले 10-12 महीनों में मैंने टेस्ट क्रिकेट पर अधिक ध्यान दिया। मैं यह जान गया था कि टेस्ट क्रिकेट बच्चों का खेल नहीं है। मैं खेल के प्रत्येक पहलू को लेकर गंभीर होना चाहता था और जितना संभव हो पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना चाहता था। ’’

अश्विन ने श्रृंखला में 21 विकेट लिए और यही नहीं उन्होंने कल भारत की दूसरी पारी में अर्धशतक भी जड़ा।  उन्होंने कहा, ‘‘श्रृंखला से पहले मैं केवल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता था। इस श्रृंखला के प्रत्येक दिन मैं वह लय बनाए रखना चाहता था जो मैंने गाले में पहले दिन हासिल की थी। लय एेसी चीज थी जिसे मैं पूरी श्रंृंखला में बनाए रखना चाहता था। प्रत्येक मैच में कोई ना कोई एेसा स्पैल रहा जिसमें मेरी लय शानदार थी। ’’ अश्विन ने स्वीकार किया कि आखिरी दिन जब कुशाल परेरा और एंजेलो मैथ्यूज ने छठे विकेट के लिए 135 रन की साझेदारी की तो उन्होंने इंतजार करो और मौका देखो की रणनीति अपनाई। 

उन्होंने कहा, ‘‘गेंद वास्तव में नरम पड़ गई थी और यहां तक तेज गेंदबाज भी इसे स्विंग नहीं करा पा रहे थे। हमने तय किया कि हमें रनों पर अंकुश लगाना होगा और जब विकेट गिरने शुरू होंगे तो हम इसका फायदा उठाएंगे। यहां तक कि मैच से पहले हमें लग गया था कि इस दौरान रन जा सकते हैं। हम दूसरी नई गेंद का इंतजार कर रहे थे और इसलिए हम मैच को आगे तक खींच रहे थे। मुझे लगता है कि एक इकाई के रूप में हमने रणनीति को अच्छी तरह से अंजाम तक पहुंचाया। ’’ 

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