राहुल द्रविड़ ने कहा, विश्वकप में धोनी होंगे अहम

punjabkesari.in Sunday, Jan 25, 2015 - 03:11 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी की परिपक्व कप्तानी का तरीका एकदिवसीय क्रिकेट से बाखूबी मेल खाता है और आगामी विश्वकप में टीम इंडिया में उनकी भूमिका सबसे अहम होगी।
 
पूर्व कप्तान द्रविड़ ने कहा कि धोनी कप्तानी में बहुत सहज महसूस करते हैं और इसी वजह से उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन और उनके नेतृत्व में टीम का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने एकदिवसीय क्रिकेट में नए कीर्तिमान बनाए हैं।
 
श्रीमान भरोसेमंद के नाम से मशहूर द्रविड़ ने कहा कि भारतीय टीम ने एकदिवसीय क्रिकेट में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में अभी टीम का प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं है। भारतीय कप्तान धोनी के बारे में उन्होंने कहा कि वह एकदिवसीय क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ी हैं और उन्होंने कई बार टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। वह एकदिवसीय क्रिकेट के अनुकूल हैं क्योंकि मेरे विचार में वह लंबे फार्मेट में असहज महसूस करते हैं।
 
विश्वकप में भारत की जीत की संभावना पर द्रविड ने कहा कि विश्वकप में इस बार युवा खिलाड़ियों पर जीत का दारोमदार रहेगा। उन्होंने कहा कि पिछली विश्वकप टीम में से मात्र 4 खिलाड़ियों को इस बार टीम में शामिल किया गया है। मुझे लगता है कि नई टीम के पास पर्याप्त अनुभव है। इनमें से कुछ खिलाड़ी मैच जिताने में भी कामयाब रहे हैं।
 
द्रविड़ ने कहा कि यह 50 ओवरों का खेल है। इसमें धोनी परफेक्ट हैं। कप्तान के तौर पर उनका सहज रहना टीम का प्रदर्शन बेहतर करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। इससे सिर्फ उनका ही नहीं बल्कि पूरी टीम अपनी तरफ से अपना शत-प्रतिशत देने की कोशिश करती है क्यों कि कई बार दबाव में होने के बावजूद आपको मैच के दौरान ही कई अहम फैसले लेने होते हैं।
 
वर्ष 2007 में भारतीय टीम की कप्तानी संभालने वाले धोनी ने विश्वकप में अपनी टीम का नेतृत्व किया था और वह टूर्नामेंट में सबसे अनुभवी कप्तान थे। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में ही भारत ने 2011 का विश्वकप जीता था जो भारत-श्रीलंका और बंगलादेश की संयुक्त मेजबानी में खेला गया था। 
 
राहुल द्रविड का मानना है कि धोनी ने अपनी कप्तानी का अलग स्टाइल बनाया है और उन्होंने खेलते हुए मिलने वाले अनुभवों से ही सीखा है। द्रविड ने कहा कि धोनी जानते हैं कि डैथ ओवरों में भारतीय गेंदबाजी अच्छी नहीं है। इसलिए वह एक ही गेंदबाजी मिश्रण को बार बार प्रयोग नहीं करते और निरंतर इसमें इबदलाव करते हैं।
 
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वह बहुत समझदार है। गेंदबाजी में नए-नए प्रयोग करना। 5 गेंदबाजों को टीम में शामिल करना। पावरप्ले में तेज गेंदबाजों की बजाय स्पिनर को मौका देना। यह उनका अपना अंदाज है और उनके क्रि केट मैदान पर किये प्रयोगों की बानगी भर है।
 

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