अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर जानें इसका महत्व

Thursday, Feb 21, 2019 - 03:58 PM (IST)

नई दिल्ली (सुरिंदर पाल सैनी) आज 21 फरवरी के दिन दुनिया भर में इंटरनेशनल मदर लैंग्वेज डे यानी अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मानाया जाता है। विश्व में भाषाई व सांस्कृतिक विविधता व बहुभाषिता को बढ़ावा देने और विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति जागरुकता लाने के उद्देश्य से हर साल 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। इस साल उन्नीसवें मातृभाषा दिवस की थीम- विकास, शांति और संधि में देशज भाषाओं के मायने है।

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में भाषायी और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता का प्रसार करना है। भाषा की मनुष्य के जीवन में अहम भूमिका है। भाषा के माध्यम से ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों के साथ संवाद स्थापित किया जा सकता है। 

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व में बोली जाने वाली कुल भाषाएं लगभग 6900 है। इनमें से 90 फीसद भाषाएं बोलने वालों की संख्या एक लाख से कम है। दुनिया की कुल आबादी में तकरीबन 60 फीसद लोग 30 प्रमुख भाषाएं बोलते हैं, जिनमें से दस सर्वाधिक बोले जानी वाली भाषाओं में जापानी, अंग्रेजी, रूसी, बांग्ला, पुर्तगाली, अरबी, पंजाबी, मंदारिन, हिंदी और स्पैनिश है।
 
 इसी कड़ी में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अंतर्गत आते गुरु हर कृष्ण पब्लिक स्कूल ,लोनी रोड में इस दिन को मनाते हुए स्कूल के छात्रों ने गुरबाणी के शब्द से शुरुआत  की।  स्कूल के मैनेजर भूपिंदर सिंह ने  इस अवसर पर मुख्य मेहमान के तौर पर शरकत की। इस दिन की अहमियत को बताते हुए प्राइमरी कक्षा के छात्रों ने पंजाबी भाषा में गीत , कविताएं पेश की।   
  
इसी तरह इस दिन के अहमियत को धयान में रखते हुए दक्षिणी दिल्ली के खालसा  में सुबह की प्राथना सभा में बड़े रोचक ढंग से इस दिन की शुरुआत की।  अंग्रेजी की अध्यापिका सरनजीत कौर ने सबसे पहले आत्मविश्वास पर भाषण दिया और भाषा की उपयोगिता पर अपने विचार साझा  किए।   
 


 

Sonia Goswami

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