जिंदगी को खुशनुमा बनाने के लिए अपनाएं यह तरीका

Saturday, Jan 02, 2016 - 10:01 AM (IST)

एक गांव में विद्यार्थियों की टोली रोज दूसरे गांव की पाठशाला में जाती और साथ लौट आती। एक दिन वापस लौटते समय उन्हें लगा कि उनमें से एक विद्यार्थी कम है। खोजने पर पता चला कि वह विद्यार्थी पीछे रह गया। 

सभी उसके पास पहुंचे। एक विद्यार्थी ने पूछा, तुम पीछे क्यों रुक गए हो? उस विद्यार्थी ने वहीं से कहा, ‘ठहरो मैं आता हूं।’ 

यह कहकर वह धरती में गड़े हुए खूंटे को पकडऩे लगा। उसे जोर से हिलाया और उसे फैंक कर टोली में आ पहुंचा। 

तभी उसके मित्र ने कहा, ‘तुमने उस खूंटे को क्यों उखाड़ा?’ 

तब उस विद्यार्थी ने कहा, वह बीच में था और वहां आने-जाने वाला हर व्यक्ति उसकी ठोकर से गिर पड़ता था इसलिए मैंने उसे हटाना ही उचित समझा। विद्यार्थी की यह बात सुनकर सभी बच्चे आश्चर्यचकित हो गए। यह विद्यार्थी और कोई नहीं बल्कि लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। 

यदि हम अपने सुख के साथ दूसरों के सुख के बारे में भी विचार करें तो जिंदगी खुशनुमा तरीके से बिताई जा सकती है।

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